आपको बता दें कि, एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में जीत हासिल की है तो वहीं, ग्वालियर नगर निगम के परिणामों ने काफी चौंकाया है। एक तरफ यहां कांग्रेस ने भाजपा से 57 साल बाद महापौर की कुर्सी छीनी है तो पार्षदों की संख्या भी पिछली बार से डेढ़ गुना बढ़ गई है। कुल 66 वार्डो में भाजपा 34 तो कांग्रेस ने 25 सीटों पर विजय हासिल की है। 6 निर्दलीय और एक बसपा का पार्षद चुना गया है। सबसे बड़े अचंभे की बात ये रही कि, भाजपा के दिग्गजों के निवास स्थान वाले वार्डो में पार्टी के पार्षदों को हार का मुंह देखना पड़ा।
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मंत्री की विधानसभा के 21 वार्डों में सिर्फ 9 पर जीती भाजपा
इनमें सबसे पहले नाम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का है। रार के वार्ड 27 से भाजपा को हार मिली है। इसी वार्ड में बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल भी रहते हैं।ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से नाता रखने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के वार्ड 17 से भी भाजपा की सीट चली गई। मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में कुल 21 वार्डो में भाजपा को सिर्फ नौ ही सीटें मिल पाई हैं। कांग्रेस ने भी यहां 9 सीटें जीती हैं। तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में आई हैं।