
पेयजल समस्या पर नागरिकों ने दिया धरना
ग्वालियर. साइंस कॉलेज में अध्ययनरत बीएससी पंचम सेमेस्टर के छात्रों ने सोमवार को जेयू में कुलपति सचिवालय का घेराव किया। छात्रों का आरोप है कि एटीकेटी के 500 से 1000 छात्रों को परीक्षा देने के बाद भी रिजल्ट में अनुपस्थित बताया गया है। इससे छात्र छठवे सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं। लगभग एक घंटे तक प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने बताया कि कुलपति नहीं हैं, इसके बाद छात्र परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंच गए। छात्रों ने जब परेशानी बताई तो एग्जाम कंट्रोलर डॉ आरकेएस सेंगर ने जानकारी दी कि सभी का रिजल्ट कम्पनी के पास भेज दिया गया है एक या दो दिन में जारी हो जाएगा।
हर बार कंपनी को मिल रही माफी
छात्रों के परीक्षा परिणाम को तैयार कर रही नागपुर की माइक्रो प्रो. कंपनी ने अभी तक एक भी रिजल्ट सही तरीके से बनाकर नहीं दिया है। बीए,बीकॉम और बीएससी जैसे ज्यादा छात्र संख्या वाले बड़े रिजल्ट्स में खामियों का अंबार लगा हुआ है, जिसको अभी तक सही नहीं किया गया है। हाल ही में बीएससी छठवे सेमेस्टर के एग्जाम शुरू हुए हैं और 2 हजार से अधिक छात्र कम्पनी की गलती की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए हैं। अब एक या दो दिन में साइंस कॉलेज के अनुपस्थित बताए छात्रों का परिणाम जारी भी किया जाएगा तो भी ये छात्र छठवे सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे पाएंगे, क्योंकि एग्जाम शुरू हुए चार दिन निकल चुके हैं।
दैवेभो ने की मांग, स्थायी न किया तो होगा आंदोलन
ग्वालियर ञ्च पत्रिका. जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने फिर से आंदोलन की तैयारी कर ली है। कर्मचारियों ने सोमवार को विवि के कुलसचिव को ज्ञापन सौंपकर अलटीमेटम दिया है। कर्मचारियों ने कहा है कि हमारी मांगों पर गंभीरता से अमल न होने पर हम आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं। जीवाजी विवि दैनिक वेतनभोगी एवं 89 दिवसीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तहसीलदार सिंह कंषाना, सचिव छविराम सिंह तोमर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सोमवार को कुलसचिव डॉ. आईके मंसूरी से मुलाकात की और उन्हें पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें कर्मचारियों ने कहा कि रिक्त पदों पर स्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। बचे कर्मचारियों को स्थायीकर्मी का दर्जा दें। इसके अलावा उन्हें शासन से समय-समय पर मिलने वाले विभिन्न भत्तों का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपने के दौरान अलटीमेटम दिया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से अमल करें। मांगें न मानने की स्थिति में कर्मचारी आंदोलन की राह भी अपना सकते हैं।
Published on:
11 Jun 2019 06:47 pm
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