22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

20 लाख से अधिक है एग्रीगेट टर्नओवर तो ही कराएं जीएसटी रजिस्ट्रेशन

यदि आपका एग्रीगेट टर्नओवर वित्तीय वर्ष में 20 लाख से अधिक है तो आपको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि आप प्रदेश में ही व्यापार कर रहे हैं तो एक ही रजिस्ट्रेशन लेना होगा और यदि आप विभिन्न प्रदेशों से व्यापार कर रहे हैं तो आपको हर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 

3 min read
Google source verification

image

Gaurav Sen

Jul 05, 2017

Aggregate turnover of more than 20 lakhs should be

Aggregate turnover of more than 20 lakhs should be done with GST registration

ग्वालियर. यदि आपका एग्रीगेट टर्नओवर वित्तीय वर्ष में 20 लाख से अधिक है तो आपको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि आप प्रदेश में ही व्यापार कर रहे हैं तो एक ही रजिस्ट्रेशन लेना होगा और यदि आप विभिन्न प्रदेशों से व्यापार कर रहे हैं तो आपको हर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्टे्रशन के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ ही अपना मोबाइल व ई-मेल की जानकारी जरूर दें। कुछ इसी अंदाज में सीए दीपक वाजेपयी ने व्यापारियों की शंकाओं का समाधान किया। मौका था मंगलवार को मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से जीएसटी में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों के समाधान के लिए आयोजित सेमिनार का। सेमिनार में सीए दीपक वाजेपयी ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन, कैसे बनाएंगे जीएसटी बिल, क्या है कंपोजिशन स्कीम, किसके लिए रहेगी उपयुक्त, कब-कब और कैसे भरने होंगे रिटर्न आदि की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इनवॉइस के साथ ही होगी माल की सप्लाई

सीए दीपक वाजपेयी ने कहा कि जीएसटी अधिनियम के तहत माल की सप्लाई इनवॉइस के साथ ही करना है। इनवॉइस का स्वरूप आप स्वयं निर्धारित कर सकते हैं, उसे मैन्युअल भी बना सकते हैं, परंतु उसमें जीएसटीएन नंबर, व्यापारी का नाम, पता व इनवॉइस नंबर तथा दिनांक अवश्य लिखें। माल की इनवॉइस तीन प्रतियों में तथा सर्विस की इनवॉइस दो प्रतियों में बनाएं। जिन व्यापारियों का पिछले साल 75 लाख से कम एग्रीगेट टर्नओवर था वह कंपोजिशन स्कीम का लाभ ले सकते हैं। इस स्कीम के तहत ट्रेडिंग करने वाले को टर्नओवर का 1 फीसदी टैक्स मैन्युफेक्चरर को तथा रेस्टॉरेंट का व्यापार करने वाले को 5 फीसदी टैक्स जमा करना होगा। यदि आप प्रदेश के बाहर व्यवसाय करते हैं तो इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।

ऑनलाइन ही भरने होंगे रिटर्न

सीए दीपक वाजपेयी ने कहा कि जीएसटी रिटर्न ऑनलाइन ही भरने होंगे। इसमें हर माह की 1 से 10 तारीख तक बेचे गए माल तथा सर्विस की जानकारी देना है। 11 से 15 तारीख तक दूसरा रिटर्न जिसमें आपकी खरीदी पोर्टल पर प्रदर्शित होगी, उसे निश्चित करना होगा। यदि कोई सुधार हो, तो वह करना है। 17 से 20 तारीख के बीच आपको जीएसटी का भुगतान करना है। एक रिटर्न वार्षिक आपको भरना है। कंपोजिट स्कीम वाले व्यापारी को त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करना है।

इन सवालों के दिए जवाब

सवाल - जीएसटी में रजिस्टे्रशन कैसे होगा?
जवाब - जीएसटी रजिस्ट्रेशन वेबसाइट के जरिए कराना होगा। इसमें पेन नंबर, आधार कार्ड, फोटो, रेंट एग्रीमेंट, बैंक स्टेटमेंट आदि की कॉपी लगेगी।

सवाल - कंपोजिशन स्कीम क्या है, ये किसके लिए उपयुक्त रहेगी?
जवाब - यह स्कीम उस व्यक्ति के लिए है जिसका पिछले साल 75 लाख से कम एग्रीगेट टर्नओवर था, जिसके तहत उसे सामान्य जीएसटी के व्यापारी की तुलना में कम रिटर्न व कम टैक्स देना है। व्यापारी कंपोजिट स्कीम का लाभ लेगा तो उसे इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।

प्रश्न - क्या पुरानी उधारी प्राप्त करने में जीएसटी की कोई भूमिका रहेगी?
जवाब - उधारी पर माल या सेवा 30 जून से पहले दी गई है और उसका बिल 30 जून से पहले ही जारी कर दिया गया है तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा। जीएसटी का नियम इस पर लागू नहीं होगा, इसका भुगतान उसी एक्ट में जमा करना होगा।

ये रहे मौजूद
चैंबर ऑफ कॉमर्स में हुए सेमिनार में संयुक्त अध्यक्ष यश गोयल, मानसेवी सचिव डॉ.प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव जगदीश मित्तल, कोषाध्यक्ष गोकुल बंसल आदि मौजूद थे।

कहां गया चैंबर का विरोध?
जीएसटी लागू होने से पहले मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से इसकी जटिलताओं और विसंगतियों के लिए विरोध किया जा रहा था। इसके लिए एक दिन का ग्वालियर बंद भी किया गया। अब जब सरकार ने इसे लागू कर दिया है तो चैंबर के तेवर ढीले हो गए हैं और व्यापारियों के लिए फिर से सेमिनार का आयोजन शुरू हो गया है।

दाल बाजार में आज होगी कार्यशाला
जीएसटी के बारे में जानकारी देने के लिए 5 जुलाई को दाल बाजार व्यापार समिति ने शाम 5 बजे कार्यशाला का आयोजन किया है। समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल ने बताया इसमें विशेषज्ञ आलोक ढींगरा, जेसी गोयल व्यापारियों को जीएसटी में आने वाली परेशानियों का समाधान करेंगे।

आज पंप डीलर नहीं खरीदेंगे पेट्रोल-डीजल
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप डीलर 5 जुलाई को तेल कंपनियों से पेट्रोल-डीजल की खरीदी नहीं करेंगे। पंप संचालकों का कहना है कि ईंधन को भी जीएसटी में शामिल किया जाए। प्रदेश में ईंधन पर सबसे अधिक वैट लगने के कारण आमजन दूसरे राज्यों से इसकी खरीदी कर लेते हैं। ग्वालियर पेट्रोलियम डीलर्स ऐसोसिएशन के संरक्षक दीपक सचेती ने बताया कि 12 जुलाई को नो परचेज-नो सेल दिवस रहेगा। इस दिन पेट्रोल-डीजल की खरीदी भी नहीं होगी और उसे बेचा भी नहीं जाएगा।

बाजारों में जीएसटी का असर
जीएसटी लांचिंग के चौथे दिन भी शहर के बाजारों के हालात जस के तस रहे। कई बाजारों में तो मंगलवार की छुट्टी रही वहीं जिनमें कामकाज हुआ वहां ग्राहकी पर खासा असर देखा गया। आमदिनों की तरह जीएसटी लागू होने के बाद ग्राहकी एकदम से कम हो चली है।