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स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का पैटर्न, स्टीम स्कीम पर सरकार कर रही मंथन

सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का तरीका बदले जाने की योजना चल रही है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्ट और गणित को प्रैक्टिकल के माध्यम से छात्रों को पढ़ाने की प्रक्रिया तैयार की जा रही है। इसमें बच्चों को स्टीम (साइंस, टेक्नोलॉजी, आर्टï् एंड मेथ्स) के तहत पढ़ाया जाएगा। इस योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जाएगा। यदि सब कुछ सही रहा तो अगले सत्र से नई स्कीम से पढ़ाई शहर के कुछ स्कूलों में शुरू हो सकती है।स्टीम स्कीम में शिक्षा का सरलीकरण किया जाना है। इस योजना में साइंस, इंजीनियरिंग आ

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ग्वालियर. ऐसा तैयार होगा, जिसमें एक सब्जेक्ट की पढ़ाई के दौरान दूसरे सब्जेक्ट को भी आसानी से समझाया जा सकेगा। इस तरीके से अध्ययन कराए जाने से एक दूसरे सब्जेक्ट में सहयोग हो सके। इसलिए पूरी पढ़ाई प्रायोगिक पद्धति पर कराई जाएगी।भोपाल में हुई थी कार्यशालाविगत माह भोपाल में प्रदेश स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में ग्वालियर से उत्कृष्ट विद्यालय, कन्या विद्यालय शिंदे की छावनी के अलावा निजी स्कूलों के प्राचार्यों ने भाग लिया था। इसी में स्टीम स्कीम के तहत नया पाठ्यक्रम तैयार करने पर चर्चा हुई थी। फिलवक्त भोपाल स्तर पर अधिकारियों द्वारा मंथन चल रहा है। पूरे प्रदेश में लागू होगा प्रोजेक्टइस प्रोजेक्ट को प्रथम चरण में प्रयोग के तौर कुछ जिलों में लागू कराया जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेशभर में लागू कराया जाएगा। ग्वालियर चंबल संभाग में प्रोजेक्ट चालू कराए जाने को लेकर स्कूलों के चयन की कवायद भी चल रही है। हालांकि इस पर प्रदेश स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा जल्द ही शिक्षा पद्धति में बदलाव हो सकेगा।देश व विदेश में कराया जाएगा अध्ययनस्टीम के तहत शिक्षा की पद्धति में बदलाव करने से पहले शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दिनों एक अध्ययन करा रहे हैं। इस अध्ययन के तहत अमेरिका और दक्षिण कोरिया में पढ़ाई के स्तर में सुधार को लेकर होने वाले प्रयास का अध्ययन करेंगे। वहीं देश में कर्नाटक और दिल्ली जैसे शहरों में भी पढ़ाई के स्तर में सुधार पर स्टडी करेंगे। इसके बाद बदलाव करने की तैयारी है।क्या है स्टीम मॉडलविदेशी स्कूलों की तर्ज पर स्टीम यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट् एवं मैथमेटिक्स शामिल होने के कई फायदे होंगे। इससे बच्चे स्कूली स्तर से ही विज्ञान, तकनीक और कला से जुड़कर अपनी क्रिएटिवटी को विकसित कर सकेंगे। शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकंडरी स्कूल मुरार के प्राचार्य जेपी मौर्य का कहना है कि बीते दिनों स्टीम पर भोपाल में कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में भोपाल गया था। स्टीम के तहत भौगोलिक, सांस्कृतिक और साइंस जैसे सब्जेक्ट को एक साथ जोड़कर सरलीकरण के तहत पढ़ाई कराए जाने के बारे में बताया था। कुछ कक्षाएं भी ली गईं थीं। स्टीम स्कीम से पढ़ाने पर छात्रों को आसानी से समझ में आएगा। स्टीम आने से पहले पाठ्यक्रम बदला जाएगा।