अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की मिलीभगत
धार. मनरेगा में कई पंचायतें ऐसी है जो सरकार द्वारा दिया पूरा पैसा डकार गई। कई जगह आधा-अधूरा काम करके पैसा हड़प लिया गया। जिला पंचायत स्तर से जांच के बाद कार्रवाई भी प्रस्तावित हुई। तमाम प्रकरण सुनवाई के लिए जिपं पर ढोल देने से रिकवरी की स्थिति कम नजर आ रही है। गांवों के विकास के लिए सरकार करोड़ों रुपए दे रही है। इन पैसों को सरपंच, सचिव,उपयंत्री डकारने में लगे हुए है। कई स्थानों पर तो पूरा पैसा ही हड़प लि या गया । कई जगह आधा काम करके पूरा पैसा आहरण कर लिया। ऐसे लोगों से रिकवरी की सुनवाई जिपं विभाग अकेला कर रहा है।
पूर्व में प्रकरण एसडीएम स्तर पर सुने जाते थे। जिपं में स्टाफ की कमी से दिक्कतें आ रही है। 20 लाख की वसूली अटकी मनावर की जाजमखेड़ी पंचायत मे मनरेगा में घोटाला हुआ था। कलेक्टर ने २८ दिसंबर २०२१ को मूल्यांकन कराया था। रिपोर्ट में 20 लाख ३८ हजार ५१८ का घोटाला मिला था। बाद में जिपं सीईओ ने सरपंच बदनङ्क्षसह, रोजगार सहायक शांतिलाल नरगेश, सचिव नारायण मंडलोई अब मृत को धारा 89 में नोटिस थमाया था। घोटाले में महिला सरपंच भी आगे घोटाला करने में महिला सरपंच भी आगे है। जिला पंचायत सीइओ ने 31 अगस्त २०२२ को नालछा की तत्कालीन सरपंच वसुंधरा ठाकुर , तत्कालीन सचिव जगीश भाबर को नोटिस दिया था। इन पर 11 लाख 78 हजार ७६ रुपए अनियमितता की बात कही थी। बिना ठहराव- प्रस्ताव कर दी लाखों की गड़बड़ी नालछा के पास बक्साना में तो तत्कालीन सरपंच विक्रमङ्क्षसह , सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी ने तो बिना ठहराव प्रस्ताव लाखों रुपए की गडबडी कर दी। इन लोगों ने बिना यात्री प्रतिक्षालय कार्य प्रारंभ किए दो लाख ५२ हजार व्यय बता दिया। इसके अलावा पंचायत में पैवर्स निर्माण के लिए २ लाख ५० हजार के विरूद्ध दो लाख ४५ हजार ८४० व्यय किए। मौके पर कार्य नहीं किया गया। साथ ही शिव मंदिर से ल ेकर बक्साना तक सीसी रोड के नाम पर एक लाख रुपए व्यय बता दिए, जबकि मौके पर काम नहीं पाया गया। इसी तरह नाली सफाई के नाम पर 90 हजार दर्शाए जिसका ठहराव प्रस्ताव ही नहीं लिया गया। इनका कहना है &शिकायत मिलने पर जांच होती है। जांच के बाद गड़बड़ी पाए जाने पर नोटिस भी दिया जा रहा है। इसके अलावा लगातार रिकवरी भी हो रही है। शृंगार श्रीवास्तव,सीइओ जिपं