इतिहास में कई शासक ऐसे रहे जो एक बार भी ग्वालियर दुर्ग को नहीं जीत पाए,लेकिन जाटवंश के राजाओं ने ये कारनामा दो बार करके दिखाया। ग्वालियर दुर्ग दो बार जाट राजाओं के अधीन रहा। भले ही ये शासन कुछ समय चला हो, लेकिन इतिहास अब भी इस जाट राजा को याद करता है। ग्वालियर किले पर बना भीमसिंह ताल और उनकी छत्री इस बात की गवाह है।