
(फाइल फोटो)
ग्वालियर। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान प्रदेश में हुए हिंसक उपद्रव को लेकर लोगों में डर अभी भी बना हुआ है। यह मामला अभी ठीक ढंग से शांत ही नहीं हुआ था कि अब दो से १० जून तक सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुपों पर किसान आंदोलन को लेकर मैसेज चल रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार और इंटेलीजेंस की नींद उड़ी हुई है। इंटेलीजेंस आइजी मकरंद देउस्कर ने सभी जिले के आइजी-एसपी को जमीनी स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल जून २०१७ में मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के दौरान छह किसान मारे गए थे। वहीं दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हिंसा में ग्वालियर चंबल संभाग में नौ लोगों की मौत हो गई थी। जिसके चलते लोगों में अभी भी डर बना हुआ है।
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अब इंटेलीजेंस ने कड़े शब्दों में कहा है कि किसान आंदोलन को पुलिस हल्के में न लें। वह सोशल मीडिया पर निगाह रखें।जमीनी स्तर पर रिपोर्ट तैयार करें।
किसान बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं। कितनी भीड़ होगी,आंदोलन के लिए कौन इन्हें उकसा रहे हैं। सबकी रिपोर्ट तैयार करें।
एकराय होकर महिला को पीटा
गोंदन थाना क्षेत्र के ग्राम कर्रा निवासी महिला जब अपने मकान के सामने कुछ काम कर रही थी तभी वहां कुछ लोगों ने आकर रंजिश के चलते एकराय होकर मारपीट कर दी। ग्राम कर्रा निवासी पुष्पा बाई (२८) पत्नी स्व. पूरन प्रजापति ने रिपोर्टदर्ज कराईहै कि जब वह अपने मकान के सामने कुछ काम कर रही थी तभी वहां आरोपी लच्छो बाई पत्नी श्यामलाल प्रजापति, रामसिया पुत्र प्रेम प्रजापति एवं सुरेश पुत्र प्रेम प्रसाद प्रजापति निवासी ग्राम कर्रा आए और रंजिश के चलते गाली-गलौज करने लगे। तभी पुष्पा ने जब गालियों का विरोध किया तो आरोपियों ने मारपीट कर दी एवं जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने पुष्पा की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
Published on:
23 Apr 2018 04:51 pm
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