7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिवलिंग को नुकसान पहुंचाने आए सैनिकों का नागों ने रोक लिया रास्ता

इस शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने के लिए सैनिक भेजे गए पर इसकी रक्षा के लिए कई नाग वहां आ गए. उन्होंने सैनिकों का रास्ता रोक लिया.

less than 1 minute read
Google source verification
Koteshwar Mahadev Mandir Gwalior Koteshwar Mahadev Temple Gwalior

Koteshwar Mahadev Mandir Gwalior Koteshwar Mahadev Temple Gwalior

ग्वालियर. ग्वालियर का प्राचीन कोटेश्वर महादेव मंदिर किला पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। किवदंति है कि यहां का शिवलिंग पहले किला पहाड़ी पर था पर लेकिन जब औरंगजेब ने इस दुर्ग पर विजय हासिल की थी तो उसके सैनिकों ने वहां स्थापित देव प्रतिमाओं को तोड़ना करना शुरू कर दिया। इस दौरान शिवलिंग को पहाड़ से नीचे फेंक दिया गया। कोटेश्वर महादेव के इस शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने के लिए सैनिक भेजे गए पर इसकी रक्षा के लिए कई नाग वहां आ गए. उन्होंने सैनिकों का रास्ता रोक लिया.

Sawan 2021 जरा दैत्य को मारने के बाद यहां ध्यानमग्न हुए थे भोलेनाथ

कई सालों तक यह शिवलिंग तलहटी में रहा। मंदिर से संबंधित लोगों का कहना है कि संत देव महाराज को इस शिवलिंग के दर्शन हुए। महंत देव महाराज के अनुरोध पर इस शिवलिंग को विधिविधान से स्थापित किया गया। बाद में सन 1937.38 में महाराजा जीवाजी राव सिंधिया ने मंदिर को भव्यता प्रदान की। कहते हैं कि आज भी नाग इस मंदिर की रक्षा करते हैं।

TCS Infosys ने MP के बेरोजगारों के लिए की यह बड़ी पहल

प्रकृति की गोद में है दर्शनीय स्थल
पहाड़ की तलहटी में स्थित यह मंदिर सुरम्य वातावरण के कारण और भी दर्शनीय हो जाता है। नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर यह स्थल लोगों को सहज रूप से अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के पार खुली जमीन पर बावड़ी है। यहां से चारों ओर हरियाली नजर आती है।

मौत का लाइव वीडियो, पत्नी पर लगाए ये गंभीर इल्जाम

नंदी, गजानन और मां गंगा भी हैं विराजित
कोटेश्वर महादेव मंदिर में नंदी, गजानन और मां गंगा की भी मूर्तियां हैं। इस मंदिर में हर सोमवार को शिवभक्त उमड़ते हैं। सावन के महीने में तो यहां रोजाना बडी संख्या में भक्त आते हैं।