ग्वालियर दुग्ध संघ की ओर से दूध के दूसरे उत्पादों का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। इसमें मठा, घी, फ्लेवर्ड मिल्क, दही बनाए जा रहे हैं। जल्द ही श्रीखंड, पेड़ा और लस्सी बनाना भी शुरू हो जाएगा।
– लॉकडाउन से पहले शहर में साढ़े चार लाख लीटर की हो रही थी खपत
– अप्रेल माह में रह गयी थी 02 लाख लीटर दूध की खपत
– अब शहर में हो रही है 3.5 लाख लीटर दूध की खपत
वर्तमान में दूध के दाम
– लश्कर दूध डेयरी पर 44 रुपए
– उपनगर ग्वालियर
– हजीरा पर 46 से 48 रुपए
– सांची और अमूल दूध 56 रुपए लीटर है
दूध से बने उत्पादक
बाजार मेंं दही 80 रुपए, मावा 280 रुपए, पनीर 260 रुपए, घी 520 रुपए, मक्खन 400 रुपए किलो बिक रहे हैं।
जिले में दुधारू पशुओं की संख्या करीब 1 लाख 72 हजार भैंस, 2 लाख 20 हजार गाय और 60 हजार बकरियां।
21 हजार लीटर हो गई खपत
एसएस अली, सीईओ, ग्वालियर दुग्ध संघ
दुग्ध संघ के दूध की लॉकडाउन से पहले हर दिन 25 हजार लीटर दूध की खपत थी, जो बीच में अठारह हजार लीटर तक जा पहुंची थी। लॉकडाउन के कारण होटल, इंस्टीट्यूट, शादी-विवाह सभी बंद रहने के कारण ऐसा हुआ। अब फिर से खपत 21 हजार लीटर हो गई है, इसके साथ ही दूसरे उत्पादों को भी बनाना शुरू कर दिया है।
3 लाख लीटर हो रही खपत
प्रेमचंद अग्रवाल, अध्यक्ष, दूध डेयरी व्यवसायी संघ
लॉकडाउन से पहले साढ़े चार लाख लीटर दूध की हर रोज की खपत हुआ करती थी। पर बीच में इसमें काफी गिरावट आ गई थी, अब धीरे-धीरे बाजार संभल रहा है और खपत तीन लाख लीटर पर जा पहुंंची है। लॉकडाउन में दूध नहीं बिकने से किसान भी खासे परेशान रहे।