
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी एमएलए कोर्ट) ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें अखबारों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संपादकों को गवाही के लिए बुलाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि अखबार एक दस्तावेज है। इसमें गवाही की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने बचाव साक्ष्य के लिए दिग्विजय सिंह को अंतिम मौका दिया है।
दरअसल सन 2019 में दिग्विजय सिंह ने भिंड में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, बजरंग दल पर आरोप लगाया था कि लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से रुपए लेकर भारत की जासूसी करते हैं। इस बयान को लेकर अवधेश सिंह भदौरिया ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया है। इस पूरे मामले में परिवादी के प्रति परीक्षण शुरू हो गए हैं। दिग्विजय सिंह ने 25 सितंबर को अपने बयान दर्ज कराते हुए कहा था कि मैं एक सच्चा देश भक्त हूं और सनातनी हिंदू हूं। भाजपा व संघ के नेताओं से मेरे मधुर संबंध रहे हैं। उनके लिए मैंने कभी गलत टिप्पणी नहीं की है। मानहानि का जो परिवाद दायर की है, मिथ्या व झूठा है। इसलिए इसे खारिज किया जाए। दिग्विजय सिंह के मुल्जिम बयान दर्ज होने के बाद परिवादी को ओर से सवाल भी पूछे गए, लेकिन हर सवाल का जवाब नहीं दे सके थे। इस दावे में दिग्विजय सिंह को अपने बचाव साक्ष्य देने हैं। अगली सुनवाई पर बचाव में साक्ष्य पेश करने होंगे।
Updated on:
29 Oct 2023 09:07 am
Published on:
29 Oct 2023 09:05 am
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