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दहेज प्रताड़ना को कोर्ट ने बताया मानसिक क्रूरता, तलाक मंजूर

mp news: कोर्ट ने कहा दहेज का आरोप लगाकर पति व परिवार की प्रतिष्ठा खराब की, यह तलाक के लिए पर्याप्त आधार, 12.50 लाख रुपए स्थायी भरण पोषण देगा पति..।

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gwalior high court

mp news: हाईकोर्ट की ग्वालियर युगल पीठ ने 15 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी को तलाक की डिक्री दी है। कोर्ट ने कहा कि दहेज का झूठा आरोप लगाकर पति व उसके परिवार की प्रतिष्ठा खराब की है। दहेज प्रताड़ना का केस करना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। यह तलाक के लिए पर्याप्त आधार है। तलाक के बदले में पति स्थायी भरण पोषण के रूप में 12 लाख 50 हजार रुपए पत्नी को देगा।

रमेश (परिवर्तित नाम) का विवाह-2007 में भिंड निवासी प्रेमलता (परिवर्तित नाम) के साथ हुआ था। विवाह के बाद पत्नी का स्वभाव बदल गया। वह गालियां देती थी, माता-पिता को खाना नहीं खिलाती थी, न घर का कुछ काम करती थी। मानसिक रूप से परेशान होने पर उसे मनोचिकित्सक को दिखाया। मायके जाने के बाद उसका व्यवहार और बदल गया। वह 2010 में मायके गई, उसके बाद वापस नहीं आई। 2012 में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। पति ने कुटुंब न्यायालय ग्वालियर में तलाक का आवेदन पेश किया, जिसे कुटुंब न्यायालय ने खारिज कर दिया।


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इसके बाद 2017 में पति ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। पत्नी ने न्यायालय में कहा कि विवाह के बाद से बहू की मर्यादा में रही। बहू के सभी कर्तव्यों का पालन किया। उसने कभी किसी को प्रताड़ित नहीं किया। पति के परिवार वाले हर दिन उसके दुर्व्यवहार करते थे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि दोनों के फिर से साथ रहने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने तलाक देना उचित समझा। कुटुंब न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया।


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