-रेलवे में डिजिटलाईजेशन- खाली बर्थ की जानकारी तुरंत मिल रही-यात्रियों को सीट मिलने में हुई आसानी
ग्वालियर। डिजिटलाईजेशन की तरफ तेजी से बढ़ रहे रेलवे में अब टीटीई हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) डिवाइस से लैसे हो रहे हैं। ग्वालियर से निकलने वाली 35 ट्रेनों में टीटीई के हाथों में यह डिवाइस आ गई हैं, जिससे वह पेपर हो गए हैं। हालांकि 90 टीटीई को इसकी जरूरत है। इस डिवाइस से टीटीई ट्रेन में खाली बर्थ के संबंध में अपडेट रहते हैं। इसके जरिए खाली बर्थ की जानकारी ऑनलाइन सर्वर में पहुंचने लगी है।
इससे वेटिंग टिकट के यात्री को बर्थ मिलने में आसानी हो गई है। इससे चलती ट्रेन में अगर सीट खाली रहती है, तो टीटीई इसे पहले आरएसी और उसके बाद वेटिंग यात्रियों को देते हैं। पहले यह काम मैनुअल आधारित होने से अधिकांश मामले में टीटीई अपनी मनमर्जी से चलते थे। इससे कई दफा खाली सीट वास्तविक यात्री की वजह दूसरे यात्री को थमा देते थे। इसलिए व्यवस्था में बदलाव करते हुए यह नई व्यवस्था की गई है।
ग्वालियर से चलने वाली सभी ट्रेनों में आई
ग्वालियर से चलने वाली सभी ट्रेनों में हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीन टीटीई के हाथों में पहुंच गई है। इसमें ताज, बरौनी मेल, चंबल एक्सप्रेस, रतलाम इंटरसिटी, बुंदलेखंड एक्सप्रेस, सुशासन एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में यह टीटीई के हाथों में दिखाई दे रहे हैं। इन सभी ट्रेनों में टीटीई प्लेटफॉर्म पर ही अधिकांश टिकट चैक कर लेते हैं। इससे खाल सीटों की जानकारी मिल जाती है।
ऐसे समझें इसके बारे में
ग्वालियर से नईदिल्ली जाने वाली ताज एक्सप्रेस के किसी कोच में अगर यात्री रिजर्वेशन कराता है और किसी कारण नहीं आता है, तो अब नई व्यवस्था में ट्रेन ग्वालियर से निकलने के बाद सीट की जानकारी सिस्टम में लोड हो जाती है। आगरा पहुंचने तक खाली सीट को किसी दूसरे यात्री को दे सकते हैं। जबकि पहले टीटीई नईदिल्ली पहुंचने के बाद ही इसकी जानकारी देते थे। इस बीच सीट टीटीई के हवाले रहती थी। मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल का कहना है कि हैंड हेल्ड टर्मिनल से टीटीई अपडेट रहते हैं। अब टीटीई पेपर की जगह इस डिवाइस को लेकर अपना काम करने लगे हैं। इससे यात्रा में सुगमता आई है।
पहले आफत समझ रहे थे, अब बनी सुविधा
लगभग छह महीने पहले झांसी मंडल में हैंड हेल्ड टर्मिनल आने के बाद यह ग्वालियर के टीटीई को दिए गए। लेकिन शुरू में टीटीई इसे आफत समझ रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे यह अच्छी सुविधा टीटीई को रास आने लगी है। इससे करंट टिकट, रिफंड होने की जानकारी मिलने के साथ टीटीई पेपर लैस हो गए हैं।