-डॉ यूनुस कुर्रेशी, संयुक्त कलेक्टर
ग्वालियर। बोर्ड परीक्षाओं का समय आ रहा है। यह समय युवावय में प्रवेश कर रहे बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि हाइस्कूल की परीक्षा हायर सैकंडरी में प्रमोट होने का प्रवेश द्वार होती है और हायर सैकंडरी की परीक्षा उच्च शिक्षा पाने के द्वार खोलती है। अभी छमाही परीक्षाएं आ रही हैं और ये परीक्षा बच्चों की तैयारी का स्तर बताएगी। अब बच्चे यह करत सकते हैं कि प्रॉपर तरीके से जितना कोर्स हो गया है, उसका रिवीजन शुरू कर दें। शॉर्ट नोट्स बनाएं और दिन में जो पढ़ें उसका रिवीजन शाम के समय एक बार फिर से करें।
अगर प्रतिदिन एक घंटा भी रिवीजन को देते हैं तो आपकी मेमोरी में यह फीड हो जाएगा। फिर जब परीक्षा होगी तो आसानी रहेगी और मानसिक दबाव भी महसूस नहीं करेंगे। परीक्षाओं की तैयारी के लिए टिप्स देते हुए यह सलाह संयुक्त कलेक्टर डॉ यूनुस कुर्रेशी ने बच्चों को दी है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं यही तरीका अप्लाई करता था, इसका फायदा यह हुआ कि स्कूल एजुकेशन में कभी दिमाग मेंं तनाव नहीं रहा और पढऩे की आदत बनी रही तो एमबीबीएस की परीक्षा भी पास की और फिर प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए यह तरीका कारगर सिद्ध हुआ।
राज्य प्रशासनिक सेवा 2016 बैच के आठवी रैंक होल्डर डॉ कुर्रेशी कहते हैं कि परीक्षा से घबराएं नहीं और पढ़ाई को बोझ की तरह न समझकर बल्कि प्रत्येक किताब के चैप्टर को एंजोय करें। पढऩे के लिए छोटे-छोटे गोल बनाएं। इससे आपको चिड़चिड़ापन नहीं होगा। पढ़ाई के बीच मन भटकें तो घर में जिससे मन करे बात करें। थोड़ी सी शरारत भी कर सकते हैं यह आपको ताजा रखेगी।
यह अपनाएं तरीका
स्कूल में जो कोर्स हो गया है, उसको एक बार फिर से पढ़ें। दिन में जो होमवर्क किया है, उसको शाम के समय रिवाइज जरूर करें। रिवीजन के लिए दिन में कम से कम एक घंटे का समय जरूर निकालें। पूरे सप्ताह जो पढ़ा हो उसको रविवार के दिन या फिर स्वयं कोई दिन तय करके एक बार फिर से पूरा रिवीजन करें। इस रिवीजन में कम से कम चार से पांच घंटे का समय लगेगा। इसके बाद 24 दिन तक जो पढ़ाई की है, उसको अगले छह दिन तक रिवीजन करें। प्रतिदिन के रिवीजन को एक बार में ही करें और सप्ताहिक रिवीजन मेंं अगर मन करे तो ब्रेकअप देकर कर सकते हैं। पढ़ाई और रिवीजन करते समय यह ध्यान रखें कि पएने के साथ ही खुद लिखें।
परीक्षा की तैयारी को और बेहतर करना है तो जो शॉर्ट नोट्स आप बना रहे हैं। उनमें महत्वपूर्ण बिंदु और सारांश भी अलग से लिखकर रखें। अगर किसी चैप्टर को भूलने की आशंका है तो उसको भी अलग से लिखकर रख लें। इससे याद करने में आसानी रहेगी और रटना भी नहीं पड़ेगा। यह सब मेहनत करने से फायदा यह होगा कि जब परीक्षा का समय नजदीक आएगा तो आपको किसी भी प्रश्र-उत्तर या चैप्टर के लिए बार-बार किताब नहीं खोलना पड़ेगी। इसके साथ ही जब नोट्स आप स्वयं लिखेंगे तो भाषा समझने में भी आसानी रहेगी और संपूर्ण पाठ्यक्रम को आसानी से दोहराया जा सकेगा।