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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सुरक्षा में हुई भारी चूक,जानिए क्या हुआ कार्यक्रम के दौरान

जीवाजी के खेल मैदान में चल रहे इस कार्यक्रम में बहुत बड़ा पंडाल लगाया गया था। पंडाल भी मौसम को देख कर वाटर प्रूफ लगाया गया था। मंच पर मुख्य अतिथि रामन

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The ministers distributed the village, walking the streets and streets,

ग्वालियर। पूरा प्रशासन पिछले 10 दिनों से राष्ट्रपति के स्वागत के लिए दिन रात मेहनत से लगा रहा। वो पल भी आया जब राष्ट्रपति ग्वालियर की धरती पर पहुंचे और जीवाजी यूनिवर्सिटी पहुंच के दिव्यांगों और वृद्धजनों को सहायता उपकरण उपलब्ध कराऐ। इस दौरान 5000 से ज्यादा दिव्यांगों को सहायता प्रदान की गई। राष्ट्रपति का ग्वालियर प्रवास 7 घंटे का है।

अब बात करते हैं कार्यक्रम में घटी घटना की, रविवार की सुबह से ही ग्वालियर अंचल में बादल छाए हुए हैं। सुबह ९ बजे से बारिश भी शुरू हो गई। जीवाजी के खेल मैदान में चल रहे इस कार्यक्रम में बहुत बड़ा पंडाल लगाया गया था। पंडाल भी मौसम को देख कर वाटर प्रूफ लगाया गया था। मंच पर मुख्य अतिथि रामनाथ कोविंद सहित कई अतिथि और अधिकारी बैठे हुए थे। राष्ट्रपति की कुर्सी सभी के बीचों बीच रखी गई थी। अचानक से राष्ट्रपति कुछ असहज से होने लगे। वे बार-बार ऊपर की ओर देख रहे थे। ऊपर देखने का कारण यह था कि उन पर कहीं से पानी की बूंदे आ रही थी। अब वाटर प्रूफ टेेंट में पानी आना थोड़ा सा अजीब लगा। गौर से देखने पर पता चला की। टेंट पर चढ़े वाटर प्रूफ कवर में एक छेद है और वह छेद ठीक उसी जगह है जहां पर रामनाथ कोविंद बैठे हुए थे। जैसे ही समस्या का पता चला तभी आहिस्ता से राष्टपति की कुर्सी उस जगह से ठोड़ी सी सरका दी गई। कार्यक्रम पूरा हुआ फिर यहां से राष्ट्रपति अपने काफिले के साथ दूसरे कार्यक्रम के लिए निकल गए।

इस पूरे घटना क्रम में प्रशासन की चूक नजर आई। आखिर वो छेद कैसे किसी को नजर नहीं आया। इतनी मेहनत की गई। २ हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। पूरा प्रशासन इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कड़ी मेहनत से लगा रहा। लेकिन एक गलती ने सारे किए-कारए पर पानी फेर दिया।