7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में खत्म हुआ रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा, दो लोगों को नहीं बेच सकेंगे जमीन, मकान या प्लॉट

Registry fraud ends with Sampada 2 in MP रजिस्ट्री का काम आसान करने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए संपदा-2 सॉफ्टवेयर को लागू किया गया है।

2 min read
Google source verification
fraud

fraud

मध्यप्रदेश में रजिस्ट्री का काम आसान करने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए संपदा-2 सॉफ्टवेयर को लागू किया गया है। इसे चालू हुए 75 दिन से ज्यादा हो गए हैं, हालांकि कई जगहों पर जीआईएस पोलीगॉन अभी भी रोड़ा बना हुआ है। प्रदेश के ग्वालियर में रजिस्ट्री करने पर लोकेशन नहीं आ रही है, जिससे गाइडलाइन की गणना करने में दिक्कत हो रही है। इस कारण इसे पूरे तरीके से लागू नहीं किया जा सका है। संपदा-1 के साथ-साथ संपदा-2 को भी विकल्प के रूप में चलाया जा रहा है। अधिकारी सुधार का दावा कर रहे हैं लेकिन पोलीगॉन की समस्या को दूर करने में समय लगेगा। नए सॉफ्टवेयर की सबसे खास बात यह है कि इससे कोई भी जमीन, मकान या प्लॉट दो लोगों को नहीं बेचा जा सकेगा।

पंजीयन विभाग ग्वालियर में संपदा-1 व संपदा-2 दोनों ही सॉफ्टवेयर चल रहे हैं। सॉफ्टवेयर संपदा-1 पर रजिस्ट्री व वसीयत के दस्तावेज का विकल्प दिया गया है, जबकि संपदा-2 सॉफ्टवेयर पर सभी दस्तावेज पंजीकृत हो रहे हैं। संपदा-1 की तुलना में संपदा-2 पर कम रजिस्ट्री हो रही हैं।

यह भी पढ़ें: एमपी के तीन जिलों का बदलेगा नक्शा, कई गांव होंगे इधर से उधर

अनुबंध पत्र, डी मोरगेज, मोरगेज, पट्टा हस्तांतरण के दस्तावेज संपदा-2 पर किए जा रहे हैं। कॉलोनी के हिसाब से पोलीगॉन तैयार किया गया है। सड़क, नदी, नाला व बाउंड्री से गाइडलाइन को विभाजित किया गया है। पोलीगॉन से ही गाइडलाइन चिह्नित हो रही हैं, जैसे कि माधवनगर, विजया नगर, बसंत विहार का एक पोलीगॉन है। जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) से लोकेशन सर्च करता है। उसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

कर दिया सुधार
वरिष्ठ जिला पंजीयक दिनेश गौतम बताते हैं कि पोलीगॉन की समस्या आ रही थी। इससे लोकेशन नहीं मिलती थी। अब इसमें सुधार किया गया है। पहले की तुलना में अब दिक्कत कम है।

सॉफ्टवेयर संपदा 2 से संपत्ति के विक्रय में जो फर्जीवाड़ा होता है, वह बंद हो रहा है। अब एक ही जमीन,मकान या प्लॉट को दूसरे को नहीं बेच पाएंगे। रजिस्ट्री रिकॉर्ड में रहेगी। जैसे ही दूसरे व्यक्ति को रजिस्ट्री की तो संबंधित पूर्व रजिस्ट्रीधारक को भी पता चल जाएगा।

संपदा-2 से आए ये बदलाव

  1. संपदा-2 में गूगल से लोकेशन ली जाएगी। प्रॉपर्टी की आइडी होने से स्टाम्प शुल्क की चोरी रुकेगी क्योंकि सेटेलाइट इमेज से संपत्ति की वास्तविक स्थिति दिखेगी। कितने मंजिल मकान बना है या प्लॉट है। सड़क पर है या सड़क से हटकर संपत्ति है।

2. संपत्ति की रजिस्ट्री कराने में अभी दो गवाह की जरूरत होती है, लेकिन संपदा-2 में गवाह की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि आधार से नाम व फोटो लिया जाएगा।

3. एक क्लिक पर संपत्ति की रजिस्ट्री की जानकारी मिल जाएगी। इससे बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी। रजिस्ट्री के बाद नगर निगम को मैसेज जाएगा, जिससे नामांतरण आसान होगा। शुल्क की गणना भी होगी।

4. साइबर तहसील-2 के तहत शहर में प्लॉट का भी नामांतरण आसान होगा।