आइटीएम में कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘मशीन लर्निंग एंड आर्टिफि शियल इंटेलीजेंस बाय यूजिंग पायथन’ विषय पर 5 दिवसीय टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया है।
ग्वालियर . इंसान मशीन होता जा रहा है और मूल्यों को खो रहा है। इसी तरह रोबोट के अंदर अगर हम नैतिक मूल्यों एवं अनुभव करने की क्षमता को डाल सकें तो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। जिस तरह से एलेक्सा रोबोट केवल हमारे बताए गए काम करता है अगर उसमें कॉमन सेंस डाल दिया जाए तो वह इंसान की तरह सोच सकेगा।
कुछ ऐसी ही जानकारी दे रहे थे दयालबाग यूनिवर्सिटी आगरा के प्रो डीके चतुर्वेदी, वे आइटीएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन और आरजीपीवी भोपाल द्वारा शुरू हुए टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में ‘सॉफ्ट कम्प्यूटिंग टेक्निक एंड इट्स एप्लीकेशन’ पर व्याख्यान दे रहे थे।
सॉफ्ट कम्प्यूटिंग तकनीकी का अधिक उपयोग
आइटीएम में कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘मशीन लर्निंग एंड आर्टिफि शियल इंटेलीजेंस बाय यूजिंग पायथन’ विषय पर 5 दिवसीय टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया है। पहले सत्र में डीके चतुर्वेदी ने किस तरह से सॉफ्ट कम्प्यूटिंग आधुनिक युग की समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी है, ये समझाया। उन्होंने बताया कि भारत में बंदरगाहों पर माल को उतारने एवं चढ़ाने में ज्यादा समय लगने की वजह से जहाज सिंगापुर में लोड व अनलोड होने लगा है। भारत में लोड व अनलोड होने में 28 दिन लगते हैं जबकि सिंगापुर में 2 दिन लगते हैं। इस तरह से सॉफ्ट कम्प्यूटिंग तकनीकी काम को आसान बना रही है।