निजी स्कूल मोटी फीस लेकर छात्रों को गुणवत्ता युक्त पढ़ाई के साथ अन्य सुविधाएं देने का दावा करते हैं। स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के दायित्व का निर्वहन करते हुए परिवहन सेवा देने वाले वाहनों के नंबर ऑनलाइन प्रदर्शित करना चाहिए। इसके अलावा कौन-सा वाहन किस रूट से आता जाता है, किस वाहन में कौन चालक है, उसका मोबाइल नंबर, हेल्पर के अतिरिक्त वाहन में सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस सिस्टम, सीट संख्या आदि की जानकारी भी दर्शाना चाहिए। इससे अभिभावकों की चिंताओं पर विराम लगेगा और वे जरूरत पडऩे पर उनकी जांच भी कर सकेंगे।
-शहर में निजी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र करीब- 1.5 लाख
-स्कूल बसें करीब-950
-ऑटो और वैन करीब-2500 स्कूल पर बढ़ेगा विश्वास
प्राइवेट स्कूल महंगी शिक्षा दे रहे हैं। उनके द्वारा आधुनिक संसाधनों का उपयोग किए जाने का भरोसा अभिभावकों को दिया जाता है। स्कूल अपनी वेबसाइट पर बस, वैन और ऑटो की जानकारी अपलोड करें और वाहनों के नंबर सहित अन्य सुविधाओं की जानकारी दें, जिससे अभिभावकों का स्कूल पर विश्वास बढ़ेगा। जीपीएस सिस्टम से वह स्वयं छात्र की लोकेशन घर बैठे ट्रेस कर सकेंगे।
एमएस सिकरवार, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी