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तीन माह में अपग्रेड हो जायेगा सिंगल विण्डो सिस्टम, अब ऑनलाइन ही बुक हो जाएगा एमपीआइडीसी का प्लॉट

- चैंबर भवन में ग्वालियर अंचल के औद्योगिक विकास एवं समस्याओं पर हुई परिचर्चा में बोले एमपीआइडीसी के प्रबंध संचालक जॉन किंग्सली

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तीन माह में अपग्रेड हो जायेगा सिंगल विण्डो सिस्टम, अब ऑनलाइन ही बुक हो जाएगा एमपीआइडीसी का प्लॉट

तीन माह में अपग्रेड हो जायेगा सिंगल विण्डो सिस्टम, अब ऑनलाइन ही बुक हो जाएगा एमपीआइडीसी का प्लॉट

ग्वालियर. मैं आपके बीच आपके सुझाव लेने व शासन की योजनाओं की जानकारी देने आया हूं ताकि औद्योगिक विकास सुनिश्चित किया जा सके एवं कठनाईयों को दूर किया जा सके। उद्योगों की समस्याओं के निराकरण के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम है, परंतु इसे अपग्रेड किया जा रहा है और इसे भारत सरकार से जोड़ा जायेगा ताकि उद्योगों की राज्य-केन्द्र संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण एक ही विण्डो पर हो सके। यह सिस्टम लगभग तीन माह में अपग्रेड हो जायेगा। इसके साथ ही सरकार सर्विस गारंटी एक्ट में भी बदलाव करने जा रही है ताकि समय सीमा में समस्याओं का निराकरण हो सके। यह बात एमपीआइडीसी भोपाल के प्रबंध संचालक जॉन किंग्सली ने शुक्रवार को मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में ग्वालियर अंचल के औद्योगिक विकास एवं समस्याओं पर हुई परिचर्चा के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि नवीन उद्योगों की जमीन की कमी को दूर करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है ताकि खाली प्लॉट का आवंटन कराया जा सके। एमपीआइडीसी का प्लॉट बुक करने के लिए आपको ऑफिस आने की जरूरत नहीं है, इसे ऑनलाइन ही बुक कर सकते हैं। इसे पूरी तरह से पारदर्शी बनाया गया है। गिरवाई औद्योगिक क्षेत्र को अधिसूचित का प्रकरण टेकअप किया जायेगा और शीघ्र ही इसे अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्र बनाने का प्रयास किया जायेगा। परिचर्चा का संचालन मानसेवी सचिव डॉ.प्रवीण अग्रवाल ने और आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल ने किया।

ये रखी मांग
- औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित 30 वर्ष पुरानी इकाईयों के भूखण्डों को फ्री-होल्ड किया जाए।
- बानमौर औद्योगिक क्षेत्र में अति आधुनिक फायर स्टेशन की स्थापना की जाए।
- नवीन औद्योगिक नीति लागू की जाए।
- उद्योग विभाग की वेबसाइट को नियमित रूप से अपडेट किया जाए।
- सिंगल विण्डो प्रणाली को वास्तविक सिंगल-विण्डो सिस्टम बनाया जाए।
- उद्योग मित्र योजना को पुन: लागू कर इसका सरलीकरण किया जाए।
- भूमि आवंटन व हस्तांतरण नियम में आवश्यक संशोधन किए जाएं।
- महाप्रबंधक के सानिध्य में प्रति माह चैंबर भवन में बैठक रखी जाए।
- ग्वालियर अंचल में स्थापित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- औद्योगिक भूमि उपपट्टा शुल्क की दरों में की गई अप्रत्याशित वृद्धि को वापिस लिया जाए।
- संधारण शुल्क में की गई अप्रत्याशित वृद्घि को वापिस लिया जाए।
- इण्डस्ट्रियल प्रमोशन सब्सिडी क्लेम के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाए।
- रुग्ण इकाईयों को क्रय अथवा पुर्नसंचालित करने पर पूर्व की तरह ब्याज, पेनल्टी, हस्तांतरण शुल्क, स्टॉम्प पंजीयन शुल्क से मुक्त रखा जाए।
- ग्वालियर स्टोन इण्डस्ट्रीज को निर्यात के क्षेत्र में आ रहीं परेशानियों को दूर किया जाए।
- जखौदा फर्शी पत्थर खदानों को चालू किया जाए।
- ऐसे कारखाने जो कि 10 से 50 नियोजन वाले हैं, उन्हें औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के पंजीयन से मुक्त रखा जाए, जिससे प्रदेश में नवीन निवेश को प्रोत्साहन मिल सके और वर्तमान में जो इकाईयां संचालित हैं, उन्हें भी राहत मिल सके।
- बकाया शुल्क एकमुश्त जमा करने पर ब्याज, पेनल्टी को माफ किया जाए।
- औद्योगिक क्षेत्र में दोहरे करारोपण को समाप्त किया जाए।

ये रहे मौजूद
औद्योगिक परिचर्चा में ग्वालियर औद्योगिक क्षेत्र के सचिव जगदीश मित्तल, महाराजपुरा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष संजय कपूर, बाराघाटा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष सोबरन सिंह तोमर, गिरवाई औद्योगिक क्षेत्र से नितिन तिवारी, स्टोन पार्क ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शुक्ला, लघु उद्योग भारती से मनोज अग्रवाल, आदेश बंसल, मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष एके निगम एवं सचिव राकेश झा सहित महेश मुद्गल, उमेश उप्पल, मनोहरलाल अरोरा, आशुतोष अग्रवाल, अशोक कपूर आदि ने सुझाव व समस्याओं पर अपने विचार रखे।