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दिन में वन कर्मी करते सर्चिंग रात में माफिया निकाल रहे फर्शी का पत्थर

सोन चिरैया अभयारण्य में फर्शी पत्थर माफियाओं की वजह से पूरी तरह से असुरक्षित है। इस क्षेत्र में एक महीने में २२ बार वन विभाग की टीम सर्चिंग के लिए जा चुकी है। एक ही पत्थर की खदान पर दो से तीन बार पहुंचे। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हर बार खदानें चालू मिलीं। वन अमला अब तक इन खदानों पर ८-१० ट्रॉली पत्थर तोड़ चुकी है। इन खदानों की सर्चिंग दिन के उजाले में की जाती है रात के समय खदान माफिया फर्शी पत्थर निकलवाकर गायब हो जाते हैं।

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Son Chiraiya Sanctuary unsafe due to stone mafia

Son Chiraiya Sanctuary unsafe due to stone mafia

ग्वालियर. अक्टूबर-नवंबर महीने में हर दूसरे दिन वन विभाग क्षेत्र में सर्चिंग अभियान चला रहा है। वन विभाग के अधिकारी वन चौकियों के वन रक्षकों के साथ दिन में १० से ११ बजे के बीच सर्चिंग पर निकलते हैं। वह अलग-अलग वन क्षेत्रों में पहुंचकर सर्चिंग अभियान चलाते हैं। हर रोज चार से पांच किलोमीटर सर्चिंग की जाती है। इस दौरान आठ से दस पत्थर खुदाई के गड्ढे नजर आते हैं। अधिकांश गड्ढों में पत्थर खुदा हुआ मिलता है। वन अमला पहुंचने से पहले पत्थर माफिया पत्थर को उठाकर भाग निकलते हैं। पिछले दिनों में वन अमला करीब २० खदानों पर पहुंचा, जिनमेंं से १५ खदानों पर फर्शी की टुकड़ी निकली हुई मिली। २० लाख से अधिक का पत्थर किया जा चुका नष्टवन अमले ने अब तक की कार्रवाई में करीब २० लाख रुपए की फर्शी पत्थर को खदानों में तोड़कर नष्ट किए जाने की कार्रवाई की है। वन अमला हर बार सर्चिंग के लिए जाता है। इस दौरान वन अमले को करीब आधा दर्जन बार मौके पर फर्शी पत्थर निकलने वाले औजारों को भी जब्त किया है। हालांकि जिन क्षेत्रों में फर्शी पत्थर निकला जा रहा है। उन क्षेत्रों में १८ लोगों की पहचान भी की जा चुकी है। ऐसे लोगों के खिलाफ वन विभाग के अधिकारी अपराधिक मामला दर्ज नहीं कर सकी।
इन क्षेत्रों में ज्यादा हो रहा उत्खनन
वन अमले को सर्चिंग के दौरान सबसे अधिक उत्खनन रेंहट वन चौकी, डांडा खिड़क, टहरोली, लखनपुर, भटपुरा आदि क्षेत्र है जहां हर बार वन क्षेत्रों की खदानों में गड्ढे मिलते हैं। उप वन मंडल अधिकारी जीके चंद्र- वन अमले द्वारा फर्शी पत्थन निकलने वालों की पहचान की जा चुकी है। ऐसे लोगों के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण पेश किए जाएंगे। अभी ऐसे लोगों के नाम उजागर नहीं कर रहे हैं।