
(Photo Source - Patrika)
MP News: मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव और महामंत्री दिनेश सिसोदिया ने कहा, विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने अपने वचन-पत्र (क्रमांक-81) में प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को केंद्र समान सुविधा देने और उन्हें संविदा कर्मी बनाने का वादा किया था, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ।
बिजली कंपनियों की नई भर्ती नोटिफिकेशन में आउटसोर्स कर्मियों को संविदा बनाने या नियमित करने हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण का कोई जिक्र नहीं है, उल्टे हर डिविजन से प्रतिमाह पांच आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी के गोपनीय निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
भार्गव ने कहा कि बिजली कंपनियों में पिछले 10 वर्षों में लाइन लंबाई और उपभोक्ताओं की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी है, जिससे वर्कलोड भी काफी बढ़ा, लेकिन मैन पावर बढ़ाने के बजाए आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।
इससे अन्य कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है और श्रमिकों के लिए कठिनाई बढ़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी, यदि अनुभवी आउटसोर्स कर्मचारियों की अनदेखी करते हुए केवल फ्रेशर्स भर्ती किए गए, तो कंपनियों पर चार गुना वेतन का वित्तीय बोझ बढ़ेगा और करीब 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। भार्गव ने सरकार से अपील की कि लघु और छोटे पद सृजित कर आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा या नियमित कर्मी के रूप में भर्ती किया जाए, ताकि भाजपा वचन-पत्र का पालन हो और वित्तीय बोझ भी न बढ़े।
Published on:
07 Dec 2025 05:41 pm
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