अधिवक्ता अवधेश सिंह ने हाईकोर्ट में डेंगू व मलेरिया को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि बारिश का मौसम आने पर शहर मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। मलेरिया और डेंगू सबसे ज्यादा फैलता है। नगर निगम की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। इस दिशा में कार्य करने के लिए निर्देश दिए जाएं। नगर निगम ने बीते दिनों पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश कर डेंगू, मलेरिया सहित मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी थी। निगम ने तर्क दिया था कि मलेरिया विभाग ने करीब 200 संवेदनशील क्षेत्रों की सूची दी थी, उसके आधार पर दवा व फॉगिंग की जा रही है।
मंगलवार को इस रिपोर्ट को कोर्ट ने पढ़ा। उन क्षेत्रों की सूची कोर्ट पढ़ रहा था, जहां पर दवा का छिडक़ाव किया और फॉगिंग की। रहवासियों के मोबाइल नंबर के साथ सूची पेश की गई थी। कोर्ट को 8 डिजिट के मोबाइल नंबर दिख तो आपत्ति की और कहा कि क्या 8 डिजिट का मोबाइल नंबर होता है। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी दिख रही है, इसलिए आयुक्त को स्पष्टीकरण देने के लिए कोर्ट बुलाया गया।
कमिश्नर ने इस मामले में शरण कुमार उप स्वास्थ्य पर्यवेक्षक ग्वालियर विधानसभा, मोतीराम पाल भृत्य ग्वालियर पूर्व विधानसभा, वीरेंद्र करोसिया उप स्वास्थ्य पर्यवेक्षक ग्वालियर दक्षिण विधानसभा को काम में लापरवाही का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है और उनके विरुद्ध जांच बैठा दी गई है। इसके अलावा गौरव सेन स्वच्छता निरीक्षक ग्वालियर विधानसभा, अजय सिंह ठाकुर स्वच्छता निरीक्षक दक्षिण विधानसभा, कृष्ण शर्मा स्वच्छता निरीक्षक विधानसभा ग्वालियर, किशोर चौहान ग्वालियर पूर्व विधानसभा, विष्णु कुमार पमनानी स्वच्छता निरीक्षक दक्षिण विधानसभा को कारण बताओ नोटिस देते हुए कहा है क्यों न उनकी दो वेतन वृद्धियां रोक दी जाएं।