चार पांच साल से खुदे पड़े हैं गड्ढे
स्थानीय लोगों ने बताया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गड्ढे चार-पांच सालों से खुदे पड़े हैं लेकिन नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बरसात में उनमें पानी भर गया, फिर भी गड्ढों के चारों तरफ सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए। इसी लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि दोनों की जान चली गई।
स्थानीय लोगों ने बताया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गड्ढे चार-पांच सालों से खुदे पड़े हैं लेकिन नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बरसात में उनमें पानी भर गया, फिर भी गड्ढों के चारों तरफ सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए। इसी लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि दोनों की जान चली गई।
छिन गया इकलौता सहारा
अभिषेक राजे का इकलौता बेटा था। राजे गोदाम में चौकीदारी करते है। अक्सर कहता कुछ दिन और नौकरी करेगा फिर बेटा पूरा घर संभाल लेगा लेकिन उसका सहारा छिन गया। जबकि अतुल के पिता स्कूल में चौकीदार है। उनके तीन बेटे हैं। अतुल सबसे छोटा था इसलिए पूरे घर का लाड्ला था।
अभिषेक राजे का इकलौता बेटा था। राजे गोदाम में चौकीदारी करते है। अक्सर कहता कुछ दिन और नौकरी करेगा फिर बेटा पूरा घर संभाल लेगा लेकिन उसका सहारा छिन गया। जबकि अतुल के पिता स्कूल में चौकीदार है। उनके तीन बेटे हैं। अतुल सबसे छोटा था इसलिए पूरे घर का लाड्ला था।
‘अमृत’ कई लोगों की ले चुका है जान
8 फरवरी 2019 को मछली मंडी में अमृत योजना के तहत खुदे पड़े गड्ढे की वजह से चार शहर का नाका निवासी संदीप शाक्य की मौत हो गई थी जबकि उसका साथी धर्मवीर उर्फ शुभम तोमर घायल हुआ था।
24 जनवरी 2018 को नारायण विहार कॉलोनी में सीवर लाइन डालते समय गुजरा के दाहोद जिले के मजदूर कालू और कल सिंह की मौत हो गई थी। उनके शव 12 फीट गहरे गड्ढे में मिट्टी के नीचे दबे मिले थे।
8 फरवरी 2019 को मछली मंडी में अमृत योजना के तहत खुदे पड़े गड्ढे की वजह से चार शहर का नाका निवासी संदीप शाक्य की मौत हो गई थी जबकि उसका साथी धर्मवीर उर्फ शुभम तोमर घायल हुआ था।
24 जनवरी 2018 को नारायण विहार कॉलोनी में सीवर लाइन डालते समय गुजरा के दाहोद जिले के मजदूर कालू और कल सिंह की मौत हो गई थी। उनके शव 12 फीट गहरे गड्ढे में मिट्टी के नीचे दबे मिले थे।
हमारे द्वारा नहीं खोदा गड्ढा
घटनास्थल पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए किया गया काफी पुराना गड्ढा है। अभी हमारे द्वारा कोई गड्ढा नहीं खोदा गया है।
अखिलेश्वर सिंह, आरई, पीडीएमसी अमृत कीचड़ में फंसे हुए थे शव
मुझे पता चला कि दोनों गड्ढे में डूब गए हैं तो अमित केक साथ पानी में कूद गया। कुछ देर बाद दोनों के शव मिल गए। कीचड़ में दोनों के पैर फंसे हुए थे।
जैसा कि कल्लू वैश्य ने पत्रिका को बताया