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ग्वालियर में ट्रांसफार्मर लैब शुरू, हर महीने चेक कर रहे 22 ट्रांसफार्मर

भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय परीक्षण और असंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएस) के अनुसार ग्वालियर महलगांव क्षेत्र में चार करोड़ से ट्रांसफार्मर लैब को तैयार किया...

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ग्वालियर में ट्रांसफार्मर लैब शुरू, हर महीने चेक कर रहे 22 ट्रांसफार्मर

ग्वालियर. भारत सरकार की संस्था राष्ट्रीय परीक्षण और असंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएस) के अनुसार ग्वालियर महलगांव क्षेत्र में चार करोड़ से ट्रांसफार्मर लैब को तैयार किया गया है। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर ट्रांसफार्मर टेङ्क्षस्टग लैब जनवरी-2023 में बनकर तैयार हो गई है और यहां हर माह 20 से 22 ट्रांसफार्मर को चेक किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर लैब खुलने के बाद बिजली कंपनी के हर साल खर्च होने वाले लाखों रुपए की बचत भी हो गई है।

ट्रांसफार्मर लैब बनने से ये हुआ फायदा
ट्रांसफार्मर लैब बनने से अब ग्वालियर में खराब ट्रांसफार्मर को चेक किया जा रहा है। ग्वालियर में करीब प्रति माह करीब 20 से 22 ट्रांसफार्मर को चेक किया जा रहा है। पहले यह ट्रांसफार्मर को चेक करने के बाद उनकी ओके रिपोर्ट भोपाल से आती थी जिससे समय लगता था। इससे बिजली व्यवस्थाा और खर्च भी अधिक होता था। अब इन समस्याओं से निजात मिल गई है। यदि कोई ट्रांसफार्मर खराब है तो उसको पता लगाने के लिए लैब में टेस्ट कर तत्काल रिपोर्ट मिल जाती है।

बढ़ाई जाएगी टेङ्क्षस्टग
ग्वालियर स्थित ट्रांसफार्मर लैब शुरू होने के बाद अब धीरे-धीरे टेङ्क्षस्टग की संख्या को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। सालभर में करीब 2500 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर चेक होते हैं जो बाहर से कराने पड़ते थे, लेकिन अब यहां ही ट्रांसफार्मर चेक हो रहे हैं। ट्रांसफार्मर के अलावा अब बिजली से जुड़े अन्य उपकरणों को टेस्ट किया जा रहा है।


इनका कहना है
ग्वालियर में महलगांव स्थित ट्रांसफार्मर लैब ने जनवरी से अपना काम शुरू कर दिया है। यहां करीब प्रतिमाह 20 से अधिक ट्रांसफार्मर को चेक किया जा रहा है। अब ट्रांसफार्मर खराब होने ही स्थिति में भोपाल के भरोसे नहीं रहना पड़ता है, रिपोर्ट आने के बाद तत्काल काम शुरू हो जाता है।
- राजीव गुप्ता, चीफ इंजीनियर, बिजली कंपनी