हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मुक्त विद्यालयी शिक्षा एवं कौशल शिक्षा बोर्ड सिक्किम लेकर अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि सिक्किम का कौशल शिक्षा बोर्ड मान्यता प्राप्त है या नहीं।
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मुक्त विद्यालयी शिक्षा एवं कौशल शिक्षा बोर्ड सिक्किम लेकर अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि सिक्किम का कौशल शिक्षा बोर्ड मान्यता प्राप्त है या नहीं। पहले इसकी पुष्टि की जाए। उसके बाद ही फॉर्म स्वीकार कर डीएलएड में प्रवेश दिया जाए।
दरअसल देवांश मिश्रा ने डीएलएड में अपना डिप्लोमा करने के लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन किया, लेकिन एमपी ऑनलाइन ने उसका फार्म अस्वीकार कर दिया। इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। देवांश की ओर से तर्क दिया कि मुक्त विद्यालयी शिक्षा एवं कौशल शिक्षा बोर्ड सिक्किम से 12 वीं पास की है। यह मान्यता प्राप्त बोर्ड है। स्कूल शिक्षा परिषद के सदस्यों की सूची में बोर्ड का नाम 49 वें नंबर पर है। इसलिए डीएलएड में प्रवेश के लिए पात्र है। राज्य शासन की ओर से याचिका का विरोध किया गया। तर्क दिया कि एमपी ऑनलाइन को उस बोर्ड का नाम नहीं मिलता है जहां से याचिकाकर्ता ने अपनी कक्षा -12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है, तो ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता को डीएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने सिक्किम के बोर्ड की पुष्टि करने के लिए कहा है।