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आखिर क्यों होती है फाइलेरिया की जांच रात में सोते समय?

संदिग्ध मरीज मिलने के बाद से मलेरिया विभाग में हड़कंप है। जिला मलेरिया अधिकारी ने संदिग्ध मरीज मिलने के बाद खण्ड ...

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Avdesh Shrivastava

Jul 30, 2017

filariasis

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ग्वालियर . फाइलेरिया के कृमि रात में सक्रिय होकर खून में आते हैं। इसलिए इसकी जांच सोते समय की जाती है। नाइट ब्लड सर्वे रात 9 बजे से 11 बजे के बीच किया जाता है। संदिग्ध मरीज के रक्त की स्लाइड बनाई जाती है।

क्यों होता है फाइलेरिया
चिकित्सकों की मानें तो हाथी पांव, फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदगी वाली जगहों में सबसे अधिक पाया जाता है। दतिया जिले में इन मच्छरों के प्रकोप से ही यह बीमारी तेजी से बढ़ी है।

फाइलेरिया से बचने करें ये उपाय
सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
पीने के पानी को ढंक-कर रखें।
आस-पास पानी जमा ना होने दें।
जमा पानी में जले हुए तेल का छिड़काव करें।
यह बीमारी मच्छर से होती है इसलिए ध्यान रहें आस-पास गंदगी न हो।

624 गांवों में टीम तैनात
फाइलेरिया के संक्रमण से प्रभावित दतिया जिले से सटे ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के साथ हस्तिनापुर, बरई और भितरवार ब्लॉक के 624 गांव मलेरिया विभाग की निगरानी में है। चयनित गांव में कराए गए सर्वे के बाद डबरा ब्लॉक के देवरा, सेकरा और बड़ी अकबई में फाइलेरिया (हाथी पांव) रोग के तीन संदिग्ध मरीज मिले हैं। संदिग्ध मरीज मिलने के बाद से मलेरिया विभाग में हड़कंप है। जिला मलेरिया अधिकारी ने संदिग्ध मरीज मिलने के बाद खण्ड चिकित्सा अधिकारी डबरा को नाइट ब्लड सर्वे करने के लिए पत्र लिखा है।