-नागदा क्षेत्र में कॉलेज बनने से सुधरेगी आसपास के गांवों की हालत
श्योपुर। जिले के 7 लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 267 करोड़ रुपए से बनने वाले मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन करेंगे। बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज के लिए लोग चार वर्ष से इंतजार कर रहे थे। निर्माण एजेंसी ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड नई दिल्ली ने जनवरी-फरवरी में काम शुरू कर दिया था। कॉलेज के पांच मंजिला भवन का निर्माण नागदा पंचायत क्षेत्र में 50 बीघा जमीन पर हो रहा है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार 40-60 के अनुपात में राशि दी है। मुख्य भवन में विभिन्न चिकित्सा विभाग और लैब आदि स्थापित होंगीं। इसके साथ ही बॉयज और गल्र्स हॉस्टल बनाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज भवन पांच मंजिला बनेगा, जिसमें विभिन्न विभाग, लेब आदि बनेंगे। इसके साथ ही बॉयज और गल्र्स हॉस्टल भी बनाए जाएंगे।
एक नजर में प्रक्रिया
-जून 2019 में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली थी।
-नवंबर 2019 में जिला प्रशासन ने नागदा में जमीन आवंटित की।
-वर्ष 2021 में पीआईयू ने भवन निर्माण की डीपीआर तैयार की।
-फरवरी 2022 में पीआईयू को हटाकर प्रदेश सरकार ने दिल्ली की एजेंसी को निर्माण एजेंसी बनाया।
-12 मार्च को होने वाले भूमि पूजन के बाद 18 महीने में कॉलेज बनकर तैयार होगा।
-250 डॉक्टर और 1 हजार पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ कॉलेज में सेवाएं देंगे।
यह होगा फायदा
-मेडिकल कॉलेज बनने से बेहतर डॉक्टर और जांच आदि की सुविधाएं मिलेंगीं।
-गंभीर उपचार के लिए राजस्थान के कोटा, सवाईमाधोपुर, जयपुर या ग्वालियर नहीं जाना पड़ेगा।
-अभी जिला अस्पताल पर ही 7 लाख की आबादी निर्भर है, कॉलेज से लोगों के पास विकल्प उपलब्ध रहेगा।
-नागदा सहित आसपास के गांवों में रोजगार के संसाधन विकसित होने से आर्थिक उन्नति संभव हो सकेगी।
वर्सन
-भूमि पूजन के साथ ही मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। कॉलेज के माध्यम से न सिर्फ चिकित्सा सुविधाएं बेहतर होंगीं बल्कि आसपास के क्षेत्र में रोजगार विकसित होने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
डॉ.राजेश गौर
नोडल अधिकारी, मेडिकल कॉलेज श्योपुर