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मरहम लगाने में देरी तो किसान योजना से बना रहे दूरी

हनुमानगढ़. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का निर्धारित समय पर किसानों को लाभ नहीं मिलने की स्थिति में अब कुछ किसान इससे दूरी बनाने लगे हैं।

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हनुमानगढ़: खेत में लगी सरसों की फसल।

हनुमानगढ़: खेत में लगी सरसों की फसल।

-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हालात, करीब 60 हजार बीमा आवेदनों में कमी
-चालू रबी सीजन में बिजाई करने वाली फसलों का एक दिसम्बर से किसान करवा सकेंगे बीमा
हनुमानगढ़. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का निर्धारित समय पर किसानों को लाभ नहीं मिलने की स्थिति में अब कुछ किसान इससे दूरी बनाने लगे हैं। आंकड़ों पर गौर करेंगे तो इस बार गत वर्ष की तुलना में कुछ कम किसानों ने फसलों का बीमा करवाया है।
खरीफ वर्ष 2024 में जिले में एक लाख 43 हजार किसानों ने बीमा करवाया था। जबकि खरीफ 2025 में एक लाख 42 हजार किसानों ने बीमा करवाया। कुल मिलाकर पहले की तुलना में करीब 1000 किसानों ने बीमा योजना से दूरी बनाई है। इससे बीमा संख्या में भी कमी आई है। कृषि विभाग के अनुसार खरीफ 2024 में 25 लाख 88 हजार बीमा आवेदन आए थे।
वहीं खरीफ 2025 में 25 लाख 20 हजार बीमा आवेदन ही आए हैं। इस तरह करीब 68 हजार बीमा आवेदनों में कमी आई है। फसल खराबे के बाद किसानों के खेतों में जो जख्म के निशान उभरते हैं, उस पर मरहम लगाने में सरकार स्तर पर देरी करने की वजह से किसान बीमा योजना से कदम पीछे खींचने लगे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों की मानें तो फसल बीमा योजना किसानों के लिए आर्थिक कवच के तौर पर काम करती है।
फसल खराबे के बाद किसानों को आर्थिक संबल मिले, इसके लिए यह योजना शुरू की गई है। इससे लाखों किसान हर वर्ष लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि डिजिटल जमाने में जब सबकुछ कंप्यूटराइज्ड है फिर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत त्वरित क्लेम जारी करने की व्यवस्था क्यों नहीं करती है। कई बार तो क्लेम मिलने में तीन से चार महीने तक की देरी हो जाती है।

एक दिसम्बर से करवा सकेंगे बीमा
फसल बीमा योजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में जिले में बीते खरीफ सीजन का बीमा ही बकाया है। इसकी क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद क्लेम जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रबी 2025-26 में किसानों को बीमा करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एक दिसम्बर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल खुलेंगे। इसके बाद किसान फसलों का बीमा करवा सकेंगे।
इतनी बिजाई हुई
हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर डिविजन की बात करें तो इस बार करीब पांच लाख हैक्टेयर में सरसों तथा सवा पांच लाख हैक्टेयर में गेहूं बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें सरसों की करीब 70 प्रतिशत बिजाई हो चुकी है। जबकि गेहूं की बिजाई अभी शुरू हुई है। अब तक करीब पांच हजार हैक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई है। जिन फसलों की बिजाई किसानों ने की है, वह उसका बीमा एक दिसम्बर से करवा सकेंगे।