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पौंग से घटा पानी, भाखड़ा से की भरपाई, अभी राहत लेकिन आगे बिगड़ सकता है रेग्यूलेशन का संतुलन

हनुमानगढ़. पौंग बांध स्थित जल विद्युत संयंत्र में तकनीकी दिक्कत आने के कारण बुधवार को कुछ समय के लिए पौंग बांध से राजस्थान को मिलने वाले पानी की निकासी कम कर दी गई।

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इंदिरा गांधी नहर।

इंदिरा गांधी नहर।

हनुमानगढ़. पौंग बांध स्थित जल विद्युत संयंत्र में तकनीकी दिक्कत आने के कारण बुधवार को कुछ समय के लिए पौंग बांध से राजस्थान को मिलने वाले पानी की निकासी कम कर दी गई। इस बीच भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोडकऱ राजस्थान के निर्धारित हिस्से की पूर्ति की गई। इसके चलते बुधवार को प्रदेश की नहरों में पानी की आपूर्ति पर कोई तत्काल प्रतिकूल असर नजर नहीं आया।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल नहरें तय रेग्यूलेशन के अनुसार संचालित हो रही हैं और हरिके बैराज पर राजस्थान के हिस्से के अनुसार पानी प्रवाहित किया जा रहा है। लेकिन पौंग बांध से पानी की निकासी में आई अस्थाई कमी का असर आने वाले दिनों में नहर संचालन पर पड़ सकता है। विशेष रूप से भाखड़ा सहित अन्य परियोजनाओं की वे नहरें, जो बैलेंस में चलाई जा रही हैं, वह प्रभावित हो सकती हैं।

तकनीकी खामी बनी वजह
अधिकारियों के अनुसार पौंग बांध स्थित बिजली संयंत्र में तकनीकी समस्या आने से बांध से पानी की निकासी को कुछ घंटों के लिए नियंत्रित करना पड़ा। इससे राजस्थान को मिलने वाला हिस्सा घट गया। स्थिति को संतुलित रखने के लिए बाद में भाखड़ा बांध से पानी की निकासी बढ़ाई गई, ताकि नहरों में तय मात्रा के अनुसार आपूर्ति बनी रहे।

पौंग बांध के ताजा आंकड़े
24 दिसंबर 2025 को पौंग बांध का जलस्तर 1365.38 फीट रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान बांध में 3361 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी, जबकि 9322 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी। इससे पहले 22 दिसंबर 2025 को पौंग बांध से 12 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था। यानी दो दिन के अंतराल में निकासी में काफी कमी दर्ज की गई।

फिलहाल कमी से इनकार
पौंग से निकासी घटने के बाद अब भाखड़ा बांध से पानी छोडकऱ राजस्थान के हिस्से को संतुलित किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल हरिके बैराज पर तय शेयर के अनुसार ही पानी चलाया जा रहा है।

वर्तमान शेयर पर नजर
तीन दिसंबर 2025 को भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में दिसंबर माह के लिए नहरों के पानी का शेयर तय किया गया था। इसके तहत पूरे दिसंबर महीने में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 10,600 क्यूसेक, भाखड़ा नहर में 1,200 क्यूसेक, गंग नहर में 1,800 क्यूसेक और सिद्धमुख नहर परियोजना में 600 क्यूसेक पानी चलाने पर सहमति बनी थी। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी इसी तय व्यवस्था के अनुसार नहरों में पानी प्रवाहित किया जा रहा है। पांच जनवरी तक इंदिरा गांधी नहर को चार में से दो समूहों में चलाने का रेग्यूलेशन लागू है।

तैयार कर रहे पानी का गणित
अधिकारियों के अनुसार पौंग और भाखड़ा परियोजनाओं से जुड़े जल प्रबंधन की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। नहरी पानी की उपलब्धता और मांग को देखते हुए आगे का रेग्यूलेशन तय करने के लिए तीस दिसंबर 2025 को जल परामर्शदात्री समिति की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में जनवरी माह के लिए नहरों के संचालन और पानी के बंटवारे पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए पानी का गणित तैयार करने में अधिकारी जुट गए हैं।