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जिग-जैग तकनीक से आधे भट्टा संचालक अब भी दूर

हनुमानगढ़. जिले में एक जनवरी से ईंट भट्टों का संचालन शुरू किया जाएगा। इसमें करीब आधे भट्टे पुरानी तकनीक से चलेंगे।

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नुमानगढ़. जिले में एक जनवरी से ईंट भट्टों का संचालन शुरू किया जाएगा।

नुमानगढ़. जिले में एक जनवरी से ईंट भट्टों का संचालन शुरू किया जाएगा।

हनुमानगढ़. जिले में एक जनवरी से ईंट भट्टों का संचालन शुरू किया जाएगा। इसमें करीब आधे भट्टे पुरानी तकनीक से चलेंगे। जबकि करीब पचास भट्टा संचालकों ने जिग-जैग तकनीक से भट्टों को अपडेट कर लिया है। वहीं आधे से अधिक भट्टे अब भी पुराने ढर्रे को अपनाए हुए हैं। हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो यहां पर करीब चार सौ ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। गत वर्ष राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भ_ा संचालन को लेकर नया आदेश जारी किया था। इसमें प्रदूषण का हवाला देते हुए बताया गया था कि राज्य में ईंट-भट्टों का संचालन अब वर्ष में सिर्फ छह माह तक हो सकेगा। इसके तहत भट्टों के संचालन की अवधि एक जनवरी से तीस जून तक की गई है। इसके बाद भट्टे बंद रहेंगे। इससे पहले ईंट-भट्टों का संचालन नौ महीने तक होता था। नए नियमों के तहत भट्टा संचालकों को जिग-जैग तकनीक को अपनाना होगा। यह ऐसी विधि है जिसमें हवा के प्रवाह को टेढ़ी-मेढ़ी दिशा में ले जाने के लिए ईंटों को एक खास तरीके से लगाया जाता है। अलग डिजाइन की चिमनी भी तैयार की जाती है। इससे भट्टों के संचालन में प्रदूषण का स्तर घटता है। साथ ही इस तकनीक को अपनाने पर ईंट की गुणवत्ता में सुधार आने की संभावना है। भट्टा संचालकों की मांग पर सरकार ने जिग-जैग लगाने को लेकर जून 2026 तक छूट प्रदान कर दी है।

कर रहे प्रयास
जिले में संचालित ईंट भट्टों को जिग-जैग तकनीक से जोडऩे का काम चल रहा है। निर्धारित अवधि में सभी भट्टों को इस तकनीक से जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। कुछ संचालकों ने नई तकनीक को अपना भी लिया है।
-सुधीर कुमार, रीजनल ऑफिसर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल हनुमानगढ़।