हनुमानगढ़

लैपटॉप की जगह टेबलेट, फिर भी लगातार हो रहा लेट

सरकारी पाठशालाओं के होनहारों को लैपटॉप की जगह टेबलेट वितरण करना तय किया गया। मगर मुद्दा यह है कि चाहे लैपटॉप दो या टेबलेट, समय पर दो, लेट मत करो। हालात ऐसे हैं कि दो शिक्षा सत्र से होनहारों को टेबलेट का वितरण नहीं किया गया है।

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लैपटॉप की जगह टेबलेट, फिर भी लगातार हो रहा लेट

लैपटॉप की जगह टेबलेट, फिर भी लगातार हो रहा लेट
- प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के 27 हजार से अधिक होनहार कर रहे टेबलेट की प्रतीक्षा
- पहले मिलता था लैपटॉप, बाद में तय किया टेबलेट, मगर मिला नहीं
हनुमानगढ़. सरकारी पाठशालाओं के होनहारों को लैपटॉप की जगह टेबलेट वितरण करना तय किया गया। मगर मुद्दा यह है कि चाहे लैपटॉप दो या टेबलेट, समय पर दो, लेट मत करो। हालात ऐसे हैं कि दो शिक्षा सत्र से होनहारों को टेबलेट का वितरण नहीं किया गया है। मेधावी विद्यार्थी टकटकी लगाए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर देख रहे हैं।
रोचक यह है कि राज्य सरकार थोक में लोक लुभावनी योजनाएं वगैरह लागू कर रही है। मगर दो शिक्षा सत्र से हजारों विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसा केवल टेबलेट वितरण के मामले में ही नहीं है। बालिकाओं को साइकिल वितरण की स्थिति भी ऐसी ही है। इन दोनों ही योजनाओं के लाभान्वित होने वालों का आंकड़ा साढ़े सात लाख से ज्यादा है। इसके बावजूद लाखों विद्यार्थियों की अनदेखी कर उनको समय पर लाभान्वित नहीं किया जा रहा है।
कितने होनहार कर रहे इंतजार
जानकारी के अनुसार दो शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों को टेबलेट का वितरण नहीं किया गया है। मोटे अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 27900 मेधावी विद्यार्थी टेबलेट वितरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन टेबलेट के साथ तीन वर्ष का इंटरनेट कनेक्शन भी प्रदान किया जाएगा। मगर अभी तो टेबलेट का ही टोटा पड़ा हुआ है।
किनको मिलना है टेबलेट
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की कक्षा आठ, दस, व्यावसायिक शिक्षा सहित प्रवेशिका एवं कक्षा बारहवीं और वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाओं में परिणाम के आधार पर होनहार विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित किए जाते हैं। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक वितरण किए जाने वाले टेबलेट की अनुमानित संख्या एक लाख बीस हजार नौ सौ के करीब है। इस पर अनुमानित लागत 288.95 करोड़ रुपए है।
पुख्ता प्रबंध जरूरी
शिक्षा अधिकारियों के अनुसार टेबलेट वितरण में देरी से होनहार विद्यार्थियों में मायूसी है। समय पर वितरण से योजना का उद्देश्य पूरा होता है। जब हर साल वितरण करना ही है तो फिर क्यों देरी की जाती है। समय पर वितरण के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाने जरूरी हैं।

Published on:
18 Sept 2023 11:31 am
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