इस मामले की गुरुवार को फिर सुनवाई रखी गई है। इसमें जिन पांच आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ, उनको सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में दो अप्रेल 2017 को महिला थाने में मामला दर्ज करवाया गया था। इसमें पीडि़ता ने सुरेशिया क्षेत्र की निवासी मंजू अग्रवाल सहित अन्य लोगों पर देह व्यापार करवाने का आरोप लगाया था। पीडि़ता आरोपियों के चंगुल से बचकर किसी तरह पड़ौसी के यहां पहुंची थी। वहां से पीडि़ता की ओर से पुलिस को सूचना देने पर बाल कल्याण समिति के संयुक्त तत्वावधान में आगे की जांच प्रक्रिया शुरू हुई थी। महिला थाने में पहली बार दर्ज एफआईआर में दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद जांच में नौ अन्य लोगों को आरोपी माना गया था।
दिल्ली से नाबालिग लड़की को यहां लाकर उससे देह व्यापार करवाने के मामले की जांच में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए थे। इसमें कई तरह के तथ्य सामने आए। पीडि़ता के बयान के आधार पर अड्डा संचालिका व मुख्य आरोपी मंजू अग्रवाल, सोनू अग्रवाल, मुकेश कुमार, जगजीत सिंह, काला उर्फ अमरजीत, गुरंजट सिंह, विजय कुमार, नवीन खान, मंजूर खान, पूर्णचंद, प्रताप सिंह, रामचंद्र उर्फ फौजी, सुनील कुमार, अख्तर खान, महेंद्र कुमार, दीपक कुमार, जगदीश, किशनलाल व गुड्डी देवी आदि के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। सभी आरोपियों के खिलाफ चालान पेश करने के बाद कोर्ट में इसकी सुनवाई चार वर्ष से चल रही थी।
बुधवार को इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान मंजू अग्रवाल, सोनू अग्रवाल, मुकेश, जगतार सिंह, गुरजंट सिंह को कोर्ट ने दोषी माना है। इस पूरी सुनवाई के दौरान कुल 27 गवाह व 102 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष प्रदर्शित किए गए। इसके आधार पर पोक्सो कोर्ट हनुमानगढ़ के न्यायाधीश मदनगोपाल आर्य ने पांच आरोपियों को दोषी माना है। इन आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर अब गुरुवार को कोर्ट इनको सजा सुनाएगी। पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद डूडी ने बताया कि पीडि़ता की ओर से 164 में दर्ज बयान व अन्य साक्ष्य के आधार पर पांच पर दोष सिद्ध हुआ है, साथ ही अन्य आरोपियों को इस मामले में कोर्ट ने बरी किया है।