उल्लेखनीय है कि हनुमानगढ़ जंक्शन में रेलवे स्टेशन के उत्तरी भाग में द्वितीय प्रवेश द्वार की मांग वर्षों से चल रही थी। द्वितीय प्रवेश द्वार का मुद्दा डीआरएम, जीएम से होते हुए रेल मंत्री तक भी पहुंचा। इस पर वर्ष 2019 में द्वितीय प्रवेश द्वार बनाने का कार्य दो भागों में स्वीकृत हुआ। प्रथम भाग में द्वितीय प्रवेश द्वार की टिकट खिडक़ी और अन्य निर्माण कार्य स्वीकृत हुए और द्वितीय भाग में द्वितीय प्रवेश द्वार की टिकट खिडकी से प्लेट फार्म संख्या एक, दो, तीन से जोडने के लिए एफओबी (फुटओवरब्रिज) स्वीकृत हुआ। दोनों ही कार्यों के लिए अलग अलग करीब एक-एक करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। खास बात यह है कि द्वितीय प्रवेश द्वार की टिकट खिडकी का निर्माण पहले शुरू हुआ और अभी तक अधूरा है और एफओबी का निर्माण कार्य गत वर्ष ही पूर्ण हो गया।
उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक इस वर्ष मार्च के आरंभ में जंक्शन रेलवे स्टेशन के दौरे पर आए थे। उस समय उन्होंने अधिकारियों को अपे्रल में द्वितीय प्रवेश द्वार शुरू करने के निर्देश दिए थे। इस बीच, अपे्रल में कोरोना महामारी दूसरी बार फैल गई और कार्य फिर बंद हो गया। सात माह बीत गए हैं और अभी तक कार्य अधूरा है। वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहे हैं लेकिन बहुत धीमी गति से चल रहे हैं। कार्य की गति और बकाया कार्यों को देखते हुए लगता है कि इस वर्ष के अंत तक भी सैकेण्ड विंडो आरंभ नहीं हो पाएगी। अनौचारिक बातचीत में रेलवे की निर्माण शाखा के अधिकारी बताते हैं कि अभी तो निर्माण अधूरा है, निर्माण पूर्ण होने के बाद रिपोर्ट मुख्यालय जाएगी और फिर वहां से शुरू होने की स्वीकृति कब आएगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
दो भागों में विभक्त शहर
रेलवे लाइनों के चलते शहर दो भागों में विभक्त है। शहर की अधिकांश आबादी और कालोनियां एवं सरकारी कार्यालय रेलवे स्टेशन के उत्तरी तरफ हैं। दक्षिणी तरफ मुख्य बाजार, बसस्टेण्ड और आधा दर्जन कालोनियां हैं। हालांकि वर्ष 1902 में जब हनुमानगढ़ से भठिण्डा-सूरतगढ़-बीकानेर रेलखण्ड की मीटरगेज रेल गाइन निकली थी तो उस समय शहर रेलवे स्टेशन के दक्षिणी तरफ ही था। आजादी से पहले तहसील, पुलिस थाना सहित चंद सरकारी कार्यालय पुराने शहर यानि वर्तमान के हनुमानगढ़ टाउन में हुआ करते थे। 1970 के दशक के बाद जंक्शन विस्तार होना शुरू हुआ और सबसे पहले अनाज मंडी एवं सिंचाई-बिजली के कुछ कार्यालय उत्तरी तरफ स्थापित हुए। 1995 में हनुमानगढ़ के जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय के तमाम सरकारी कार्यालय और आबादी रेलवे स्टेशन की उत्तरी भाग की तरफ विस्तार होने लगी। ऐसे में वर्तमान में शहर दो भागों में विभक्त हो गया है और जिला मुख्यालय की 75 फीसदी आबादी रेल लाइन के उत्तरी तरफ है।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
– निर्माण चल रहा है, यह हमारे ध्यान में है। रेलवे अभियंताओं से बातचीत करेंगे। उन्हें कहेंगे कि निर्माण जल्द पूर्ण हो। ताकि जनता को आवागमन में राहत मिल सके।
– गणेशराज बंसल, सभापति, नगर परिषद, हनुमानगढ़।
– सैकेण्ड विंडो शुरू होने पर जनता को बहुत राहत मिलेगी। विंडो का कार्य चल रहा है। निर्माण शीघ्र पूर्ण हो, इसके लिए सांसद महोदय और उत्तर पश्चिम रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्यों से कहेंगे कि वह उच्चाधिकारियों से बातचीत करें।
– बलवीर बिश्रोई, जिलाध्यक्ष, भाजपा, हनुमानगढ़।
क्या कहते हैं अधिकारी
– कोरोना महामारी के चलते डिवीजन में बहुत सारे कार्य बजट के अभाव के चलते रूक गए थे। इसी में हनुमानगढ़ की सैकेण्ड विंडो का निर्माण भी शामिल था। अब धीरे धीरे अप्रवूल मिल रही है। उम्मीद है दिसम्बर तक इस कार्य को हम पूर्ण करवा देंगे।
– राजीव श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक, बीकानेर।