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दिनभर अफसरों को ताले में रखा बंद, शाम को बाहर निकले तो लगाए धान के भाव

locationहनुमानगढ़Published: Oct 26, 2021 09:52:04 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर किसानों ने मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के बैनर तले जंक्शन धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय का घेराव किया। मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे एफसीआई व मंडी समिति के अधिकारी मंडी समिति कार्यालय में खरीद मामले में चर्चा कर रहे थे।
 

दिनभर अफसरों को ताले में रखा बंद, शाम को बाहर निकले तो लगाए धान के भाव

दिनभर अफसरों को ताले में रखा बंद, शाम को बाहर निकले तो लगाए धान के भाव

दिनभर अफसरों को ताले में रखा बंद, शाम को बाहर निकले तो लगाए धान के भाव
-वादा खिलाफी का आरोप लगाकर किसानों ने घेरा मंडी समिति कार्यालय
-न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी खरीद शुरू करने का मामला
हनुमानगढ़. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर किसानों ने मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के बैनर तले जंक्शन धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय का घेराव किया। मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे एफसीआई व मंडी समिति के अधिकारी मंडी समिति कार्यालय में खरीद मामले में चर्चा कर रहे थे। इसकी सूचना किसानों को मिलने पर सभी ने मौके पर पहुंचकर तत्काल धान खरीद शुरू करवाने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल खरीद शुरू नहीं होती है तो वह मंडी में पड़ी धान की फसल में आग लगाकर रोष जताएंगे। मंडी समिति की ओर से पुलिस में इसकी सूचना दी गई। इसके बाद मौके पर पुलिस का जाब्ता भी पहुंच गया। जिला परिषद के सीईओ अशोक असीजा,कृषि विपणन विभाग के उप निदेशक सुभाष सहारण, डीएसपी प्रशांत कौशिक, जंक्शन थाना प्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई, एसडीएम डॉ. अवि गर्ग आदि मौके पर पहुंचे। इस दौरान पहले दौर की वार्ता विफल रही। शाम करीब सवा छह बजे दूसरे दौर की वार्ता में किसान तत्काल धान का सरकारी भाव लगाने की शर्त मानने पर धरना समाप्त करने को तैयार हो गए।
इसके बाद एफसीआई व मंडी समिति के अधिकारियों ने धान की पांच ढेरियों के सरकारी भाव लगाए। साथ ही २८ अक्टूबर को बारदाना आने के साथ ही तौल शुरू करने का आश्वासन दिया। इस तरह धान के सरकारी भाव लगाने की शर्त मनवाने के बाद ही अफसरों को बाहर निकलने दिया गया। इससे पूर्व धरना स्थल पर हुई सभा में संयुक्त किसान मोर्चा के गुरपरविंद्र सिंह मान ने कहा कि किसान धान फसल का कम से कम समर्थन मूल्य मांग रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्रशासन के अधिकारियों ने ही तय किया है। जिस दिन किसानों ने धान की बिजाई की थी तब से प्रशासन से यह मांग की जा रही है कि धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद की व्यवस्था की जाए। लेकिन न तो सरकार और न ही प्रशासन जागा। सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए किसान नेताओं ने तत्काल धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग की। रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने किसानों से वादा किया था कि 25 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू कर देंगे। एक दिन निकलने के बाद भी धान की सरकारी खरीद को लेकर धानमंडी में व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों का धान लगातार मंडी में पड़े रहने खराब हो रहा है। जब तब एफसीआई की ओर से धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं की जाती तब तक वे अधिकारियों को कार्यालय से बाहर नहीं निकलने देंगे।
इनको बनाया बंधक
मंडी समिति कार्यालय में फसलों की सरकारी खरीद शुरू करवाने को लेकर मंगलवार को मंडी समिति कार्यालय में चल रही बैठक में अचानक किसानों के पहुंचने पर मामला गरमा गया। बैठक में मंडी समिति के सचिव सीएल वर्मा, एफसीआई के क्वालिटी मैनेजर महेंद्र पाल सिंह, एमएम चौहान, इंस्पेक्टर हवा सिंह, हरीश आदि चर्चा कर रहे थे। किसानों ने बैठक में पहुंचकर तत्काल वादे के अनुसार धान के सरकारी भाव लगाने की मांग शुरू कर दी। लेकिन अधिकारी सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए २८ से पहले ऐसा करने से मना करते रहे। इससे आक्रोशित किसानों ने सचिव के चैम्बर को बंद कर दिया। दिनभर अधिकारी कार्यालय में बंद रहे। शाम सवा छह बजे वार्ता में सहमति बनने पर अधिकारी चैम्बर से बाहर निकले।
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