
सास-बहू ने खाली जगह में लगा डाले सवा सौ पौधे
हनुमानगढ़. अगर मन में पौधे लगाने की ललक व सार-संम्भाल करने का जज्बा हो तो निश्चित रूप से सफलता मिल सकती है। इसके लिए किसी बड़े प्लॉट या खेत की जरूरत नहीं है बल्कि घर में खाली जगह पर भी पौधे लगाकर छाया के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण में भी भागीदार बन सकते हंै। ठीक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला है जिले के गांव जांखड़ावाली के वार्ड ५ में रामकुमार शर्मा के घर। जहां घर के चारों ओर पेड़ों की हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। रामकुमार शर्मा की ६० वर्षीय पत्नी सुशीला देवी व पुत्रवधु कुसुम को पेड़-पौधों लगाने व उनके सरंक्षण का शौक है। सास-बहू वर्ष २०१५ से ही घर के सामने फलदार केला, अमरूद, अंगुर, बेलपत्र, व चंपा, मोगरेग, चमेली, गुडेल, शम्मी, चाईना पांम, लैला-मजनू, गुलाब जैसे मनमोहक पौधे लगाकर व उनकी सार-संभाल पर विशेष ध्यान रखते हैं। अनावश्यक वस्तु प्लास्टिक की बोतले, टूटे मिट्टी के बर्तन, चीनी टाइल्स के टूकड़ो से को जोड़कर गमले बना रखे हैं। जिस पर चित्रकारी कर नया रूप दिया गया है। घर के बाहर पेड़ो की हरियाली में लगे लोहे के झूले के पास सौ वर्षों से भी पुराने सजावट कर रखे ऊंटो के प्लाण घर की शोभा को चार-चांद लगा रहे है। जिसे देखने से ही पुराने जमाने की यादें ताजा हो जाती है। एम.ए. बीएड तक पढ़ी लिखी कुसुम ने बताया कि पेड़ छाया के साथ-साथ प्रर्यावरण को शुद्ध बनाते हंै। इस कार्य में ससुर रामकुमार शर्मा व पति रजत शर्मा भी समय मिलने पर इस कार्य में हाथ बंटाते हैं। जिससे इन दिनों पेड़-पौधों की हरियाली पर्यावरण को बचाने में भागीदार बनी हुई है।
Published on:
19 Aug 2023 11:35 am
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