उत्साह से जीत संभव मंदबुद्धि बच्चों की सहायता में हर किसी के लिए आगे बढऩा चाहिए। सामान्य बच्चों के साथ पूरे अधिकार व व्यवहार करने से उनमें हीनभावना समाप्त होगी और कुछ करने का जज्बा आएगा। ये कहना है स्वर्ण पदक विजेता मूक-बधिर सुमित सोनी का। अटल विश्वास उत्साह के साथ वह ओलंपिक में कुश्ती स्पद्र्धा के लिए जाना चाहता है। सुमित इशारों में व लिखकर बताते हैं कि जूडो के लिए परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। वार्ड तेरह निवासी पिता पूर्व पार्षद संजीव सोनी तथा मां सुमन ने उसे ट्रेनिंग के लिए नेशनल स्पोर्ट्स स्कूल पटियाला भेजा।
जीते मैडल सौ से अधिक मेडल जीत चुके सुमित ने श्री जगदंबा मूक बधिर अंध विद्यालय से आठवीं तक पढ़ा। आईजोल (मिजोरम) २००७ में ५३वीं नेशनल जूडो में कांस्य पदक, लुधियाना के डीफ चिल्ड्रन स्कूल में पढ़ते वक्त१७वीं राष्ट्रीय मूक-बधिर ओलंपिक प्रतियोगिता में जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल, दो बार रजत पदक, पांचवी राष्ट्रीय मूक बधिर कुश्ती २०१० अजमेर में फ्री स्टाइल व ग्रीकोरोमन में दो स्वर्ण पदक, २०१३ मेंं लाहौर व बहावलपुर (पाकिस्तान) से दो गोल्ड मेडल, तीन बार नेशनल अवार्ड, जनवरी 2016 नेशनल गेम्स ऑफ डीफ की ग्रीको रोमन कुश्ती प्रतियोगिता में सिल्वर पदक, १४ से १८ जनवरी १७ को स्कोरिश हाई इंटरनेशनल स्कूल गुरुग्राम में बेस्ट जूडो को-ब्वॉयज पांचवी नेशनल ब्लाइंड एंड डीफ जूडो चेंपियनशिप में प्रथम रहकर स्वर्ण पदक जीता। बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड, जूडो-कराटे, बास्केट बॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन, कबड्डी, २०० व ३०० मीटर दौड़, ऊंची कूद, डिस्कस थ्रो में कई पुरस्कार ले चुका। यूरो कंट्री बुलगारिया में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।