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कोरोनावायरस : चीन से आई डाक से कोई खतरा नहीं

कोरोनावायरस वस्तुओं पर लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते, जैसे कि पत्र या पैकेट

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Pushpesh Sharma

Feb 25, 2020

कोरोनावायरस : चीन से आई डाक से कोई खतरा नहीं

कोरोनावायरस : चीन से आई डाक से कोई खतरा नहीं

जयपुर.

कोरोना वायरस संक्रमित रोग है, जो एक से दूसरे में फैलता है। अभी चीन के अलावा ईरान, दक्षिण कोरिया आदि देशों में इसका असर ज्यादा है और भारत में इसकी स्थिति अधिक चिंताजनक नहीं है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में कोरोनावायरस को लेकर फैल रहे भ्रम से सावधान रहने की हिदायत दी है। इसमें बुखार, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, नाक बहना अैर गले की खराश जैसे लक्षण नजर आते हैं। हाथों को अच्छे से धोना, मांसाहार से परहेज और संभावित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना श्रेयस्कर है।

चीन से आई डाक सुरक्षित है : चीन से भेजे गए पत्र या पैकेट प्राप्त करने वाले लोगों को वायरस का खतरा नहीं है। क्योंकि डब्ल्यूएचओ का मानना है कि कोरोनावायरस वस्तुओं पर लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते, जैसे कि पत्र या पैकेट।

पालतू कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं हो सकते: अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि पालतू जानवर कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि पालतू जानवर के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन ओर पानी से धो लें, क्योंकि यह आपको विभिन्न सामान्य बैक्टीरिया जैसे ई-कोली और साल्मोनेला से बचाता है, जो पालतू जानवरों से इंसानों में फैलता है।

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निमोनिया के टीके कोरोनावायरस से नहीं बचाते : निमोनिया के टीके जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुुएंजा टाइप-बी वैक्सीन कोरानावायरस के खिलाफ सुरक्षा नहीं देते। क्योंकि कोरोनावायरस नया है और अभी इसके लिए कोई टीका नहीं बना। भले ही ये टीके कोरोना के खिलाफ प्रभावी नहीं है, लेकिन श्वास रोगों में ये इनकी सिफारिश की जाती है।

सलाइन से नाक को धोना संक्रमण से नहीं बचाता : अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि नियमित रूप से नाक को सलाइन से धोना संक्रमण से बचा सकता है। इतना अवश्य है कि इस प्रक्रिया से सामान्य सर्दी जुकाम से उबरने में मदद मिलती है।

माउथवॉश से गरारे भी कारगर नहीं : माउथवॉश से गरारे करना कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने का उपाय नहीं हो सकता। कुछ ब्रांड्स के माउथवॉश आपके मुंह में लार से रोगाणुओं को कुछ देर के लिए खत्म कर सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये कोरोनावायरस से बचा लेगा।

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लहसुन खाने से नहीं होगी रक्षा : लहसुन में कुछ रोगाणुरोधी गुण जरूर होते हैं, लेकिन मौजूदा कोरोना के प्रकोप से बचाने को लेकर अभी तक कोई प्रमाण नहीं है।

तिल का तेल : तिल का तेल कोरोनावायस को खत्म नहीं कर सकता और यदि आप इसे अपनी त्वचा या नाक के आसपास लगाते हैं तो इसका कोई प्रभाव नहीं दिखने वाला। बल्कि इसे त्वचा पर लगाने से साइड इफेक्ट हो सकता है।