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75 से ज्यादा सैनिटाइजर ब्रांड से अंधे होने का खतरा-एफडीए

कोरोना संक्रमण के बाद वायरस के संपर्क में आने से खुद को बचाने के लिए हेंड सैनिटाइजर्स का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। हालात ये हैं कि लोग सामान्य दिनचर्या में भी साबुन की बजाय ऐसे सैनिटाइजर ब्रांड्स का उपयोग कर रहे हैं जो एल्कोहल के खतरनाक स्तर के कारण विषाक्त और सेहत के लिए जोखिम भरे हैं।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Jul 24, 2020

75 से ज्यादा सैनिटाइजर ब्रांड से अंधे होने का खतरा-एफडीए

75 से ज्यादा सैनिटाइजर ब्रांड से अंधे होने का खतरा-एफडीए

अमरीका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने ऐसे दर्जनों सैनिटाइजर (Sanitizer) ब्रांड्स के बारे में चेतावनी जारी की है जिनके नियमित इस्तेमाल से त्वचा संबंधी रोग और अंधेपन का खतरा भी हो सकता है। एफडीए ने ऐसे 75 ब्रांड्स को चिन्हित किया है जिनके लेबल पर स्पष्ट जानकारी अंकित है कि इसमें इथेनॉल का मिला हुआ है लेकिन लैब जांच में पता चला कि इथेनॉल की जगह इनमें वुडन एल्कोहल या मीथेनॉल मिला हुआ है। मीथेनॉल का त्वचा से लगातार संपर्क में होने पर विषाक्त रसायनों से एलर्जी और केंसर तक होने की आशंका है। वहीं त्वचा द्वारा एब्जॉर्ब कर लिए जाने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

उपयोगकर्ताओं को पता ही नहीं
जांच में सामने आया कि इन 75 ब्रांड्स के लेबल इस कदर भ्रमित करने वाले हैं कि खरीदने वालों को पता ही नहीं चलता कि किस सैनिटाइजर ब्रांड में इथेनॉल है और किसमें मीथेनॉल। लोगों को इस खतरनाक धांधली की जानकारी देने के लिए एफडीए ने अपनी अधिकारिक साइट पर संदिग्ध सभी ब्रांड्स की जानकारी शेयर की है। एजेंसी ने यह सुझाव भी दिया है कि वे एफडीए या सरकारी अनुमोदन वाले ऐसे किसी सैनिटाइजर को नहीं खरीदें जो एफडीए अप्रूव्ड या 24 घंटे तक सुरक्षा देने का दावा करते हों। एफडीए ने यह भी कहा है कि अगर हाथ धोने के लिए साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो एल्कोहल बेस्ड कम से कम 60 फीसदी इथेनॉल वाले हैंड सैनिटाइजऱ का उपयोग करने की सलाह देते हैं।