यदि आपकी लाइफस्टाइल सही है तो
हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को कंट्रोल में किया जा सकता है। इसलिए आप हम बात करेंगे कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपनी डाइट में किन चीजों को खाना चाहिए और किन चीजों को नहीं
उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के लिए फूड्स : Foods for high blood pressure patients
दाल का सेवन उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को दाले और बीन्स का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये पोटेशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। फिश यदि आप अपनी डाइट में फैटी का सेवन करते हैं तो यह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।
नट्स और बीज नट्स और बीज मैग्नीशियम तथा पॉलीअनसेचुरेटेड वसा का अच्छा स्रोत होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। अनाज यदि आप साबुत अनाज का सेवन करते हैं तो इससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा। साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो ब्लड प्रेशर (high blood pressure) को कम करने में मदद करते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर वाले इन चीजों से बनाए दूरी : People with high blood pressure should stay away from these things
नमक नमक में सोडियम की उपस्थिति होती है, जो शरीर में जल को संचित करता है और रक्तचाप को बढ़ाने में सहायक होता है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, डिब्बाबंद खाद्य सामग्री और तैयार भोजन में सामान्यतः अधिक मात्रा में नमक पाया जाता है। चीनी चीनी का अधिक सेवन वजन में वृद्धि कर सकता है, जो उच्च रक्तचाप का एक कारण बन सकता है। यह चीनी सोडा, मिठाई और पेस्ट्री में मौजूद होती है।
चाय और कॉफी कैफीन रक्तचाप को कुछ हद तक बढ़ा सकता है। हालांकि, अधिकांश लोगों के लिए, कैफीन का सेवन रक्तचाप को गंभीर स्तर तक नहीं बढ़ाता है। यदि आपको कैफीन के कारण रक्तचाप में वृद्धि की समस्या है, तो आपको कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
अल्कोहल अल्कोहल अस्थायी रूप से रक्तचाप को बढ़ा सकता है। यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है, तो यह लंबे समय तक रक्तचाप को ऊँचा रख सकता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण : Symptoms of high blood pressure
- बेहोश होना
- चक्कर आना
- एंग्जायटी
- अनियमित धड़कनें
- थकान
- उल्टी और मितली
- कान बजना
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।