चमगादड़ों से मिले स्ट्रेन से पहले महामारी फैल चुकी थी
30 दिसंबर 2019 को वायरस के स्ट्रेन का सैंपल मिला था। 2 जनवरी 2020 को उसका जीनोम पता लगाया और 11 जनवरी को उसे डब्ल्यूएचओ को सौंप दिया। लैब के निदेशक ने दावा किया है कि दिसंबर में सैंपल मिलने से पहले टीम को ऐसा वायरस पहले कभी नहीं मिला था। अन्य देशों की तरह हमें भी वायरस की मौजूदगी के बारे में नहीं पता था। प्रश्न उठता है कि ऐसे में वह वुहान लैब से कैसे लीक हो सकता है, जबकि उस समय तक हमारे पास था ही नहीं।
वुहान लैब से लीक हुआ वायरस
कोरोना वायरस को लेकर वुहान की वायरोलॉजी इस्टीट्यूट से इंसानों में फैले थे। इसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी चीन पर आरोप लगाए। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य सभा में भी सौ से अधिक देशों ने चीन के खिलाफ वायरस फैलाने की जांच की मांग की जिस पर डब्ल्यूएचओ व चीन जांच के लिए तैयार हो गए।