
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है। इस बीमारी में स्किन पर लाल चकत्ते निकलने लगते हैं और इन पर खुजली और सूजन भी आ जाती है। कई बार स्किन सांप केचुल की तरह नजर आने लगती है। अधिकतर घुटने, कोहनी और पीठ पर होता है, लेकिन बढ़ते-बढ़ते ये पूरे शरीर और चेहरे तक पहुंच जाता है। सोरायसिस के एक तिहाई मरीजों को डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसे बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है।
ये स्किन की एक गंभीर बीमारी में से एक है। इसे सामान्य समझने या नजरअंदाज बिलकुल नहीं करना चाहिए। ये बीमारी अनकंट्रोल वे में पूरे शरीर में फैल जाए उससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि इस बीमारी को कौन से फूड्स ट्रिगर करते हैं। यानी किन फूड्स को खाने से समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए इलाज के साथ ही डाइट में कुछ बदलाव कर सोरायसिस को कंट्रोल रखा जा सकता है।
सोरायसिस में न खाएं ये फूड्स, तभी रहेगी बीमारी कंट्रोल
1. दूध और दूध से बने प्रोडक्ट
कैंसर और दिल की बीमारी की तरह ही स्किन की ये बीमारी यानी सोरायसिस एक इन्फ्लेमेटरी (सूजन की) बीमारी है। मिल्क फैट इन्फ्लेमेटरी टिशू को बढ़ाता है, इसलिए सोरायसिस में मिल्क खासकर फुलफैट मिल्क से दूर रहना चाहिए। फुल क्रीम मिल्क में करीब 3.25% फैट होता है। दूध का सेवन करना ही है तो 1-2% फैट वाले मिल्क या स्किम्ड मिल्क ले सकते हैं।
2. चीज
चीज भी डेरी प्रोडक्ट है और ये शरीर में सूजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। खास कर सोरायसिस के लक्षण बढ़ सकते हैं। सोरायसिस एक बार बढ़ने लगता है तो उसे कंट्रोल करना आसान नहीं होता, इसलिए जरूरी है कि खानापान पर विशेष ध्यान दिया जाए।
3. प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड फूड्स में फैट और शुगर दोनों ही ज्यादा होता है। प्रोसेस्ड फूड्स और फास्ट फूड के इन्फ्लेमेटरी गुण सोरायसिस के दुश्मन होते हैं। इनमें फैट और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। सोरायसिस के मरीजों को इन चीजों से दूर रहना चाहिए। उन्हें ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए।
4. रेड मीट
रेड मीट यानी लाल मांस खाना छोड़ दें क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा फैट होता है और इससे सोरायसिस के मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। इसकी जगह आप ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरी चीजें खाएं तो सोरायसिस कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
5. ग्लूटेन फ्री आटा
गेहूं, जौ और राई में पाया जाने वाला ग्लूटेन भी सोरायसिस को बढ़ा देता है। इसलिए इस बीमारी में ग्लूटेन फ्री आटा खाने की आदत डालें। ग्लूटेन फ्री आटा कई बीमारियों में फायदेमंद होता है।
6. शराब से दूरी
शराब सोरायसिस के लक्षणों को भी बढ़ा सकती है। शराब से लिवर और दिल की बीमारियां तक होती हैं, वहीं ये सोरायसिस के लक्षणों को भी बढ़ाता है। इसलिए शराब से जितनी दूरी बना सकें, उतना अच्छा।
7. कॉफी
कॉफी और चाय जैसी चीजों में कैफीन नाम का केमिकल होता है, जिससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है। सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और हॉट चॉकलेट में भी कैफीन पाया जा सकता है। इसलिए इन सभी चीजों से बचें।
8. चॉकलेट
चॉकलेट भी कैफीन का ही एक सोर्स है। इसलिए प्रोटीन बार, चॉकलेट के फ्लेवर वाली आइसक्रीम, टॉफी और चॉकलेट से बनी हुई मिठाइयों से दूर रहने में ही भलाई है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)
Published on:
20 Mar 2022 09:01 am
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