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रोजाना आहार में दालों का उपयोग बहुत अच्छा है क्योंकि यह प्रोटीन का सोर्स हैं। हमेशा कहा जाता है कि दालों का प्रोटीन अपने आप में अपूर्ण/नाकाफी है। इसका मतलब यह नहीं कि दालों को खाना ही छोड़ दें, बल्कि दालों को खाने का तरीका बदलना होगा। तभी ये सेहत के लिए फायदेमंद हो पाएंगी और भरपूर लाभ शरीर को मिल पाएगा।
अनाजों के साथ लें
दाल को अनाजों के साथ मिलाकर सेवन करें। दाल के अलावा इसके बेसन को आटे में मिलाकर या मल्टीग्रेन आटा इस्तेमाल कर इसकी पौष्टिकता बढ़ा सकते हैं।
नहीं बढ़ता है यूरिक एसिड
दालों के सेवन से यूरिक एसिड नहीं बढ़ता है। इसका सेवन किडनी रोग के मरीज भी कर सकते हैं। बस इसके सेवन का तरीका बदलना होगा। दालों में एक कंपोनेंट होता है फाइटेट। दालों को पकाने से पहले कम से कम 2-3 घंटे पानी में भिगो दें। इससे हानिकारक कंपोनेंट फाइटेट निकल जाता है। किडनी रोगी राजमा, सोयाबीन आदि का सेवन कर सकते हैं।
भ्रांतियों में न आएं
बहुत से लोग किडनी या यूरिक एसिड के मरीज हो जाने पर दाल खाना बिना डॉक्टर की सलाह ही छोड़ देते हैं। उन्हें लगता है कि दाल से किडनी में स्टोन बढ़ सकते हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्हें दाल का सेवन करना चाहिए।
पारंपरिक खानपान अपनाएं
सत्तू, बेसन, भुना चना, मंगोड़ी, पकौड़े, रोटी के रूप में दाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। अंकुरित करके भी इसका सेवन कर सकते हैं। इससे यह और ज्यादा पौष्टिक हो जाती है।
इन रोगों में फायदेमंद
किसी को अगर हाई प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है तो वह इसका सेवन बताए गए कई तरीकों से कर सकते हैं। इसमें शुगर कंटेंट ज्यादा नहीं होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं। वे स्प्राउट्स के रूप में सेवन कर सकते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। छिलके वाली दाल कब्ज में बहुत फायदेमंद हो सकती है। इनमें एक घुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो शरीर से कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है।
डाइट को पूर्ण करती दाल
अगर आप शाकाहारी डाइट ही लेते हैं तो यह कभी न सोचें कि आपकी डाइट अपूर्ण है। यदि दालों को अनाजों के साथ लिया जाता है तो यह हमारे लिए पर्याप्त प्रोटीन बनकर डाइट को पूर्ण बनाती हैं।
-पूनम तिवारी, आहार विशेषज्ञ
Published on:
13 Feb 2025 03:36 pm
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