
शांत वातावरण में भी कानों में आवाज, न करें नजरअंदाज
कान में सीटी बजना या कुछ अन्य तरह की आवाज आने की समस्या को आप कभी नजरअंदाज न करें। कान की ये समस्या कई बार इतनी गंभीर हो सकती है, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। कान में तेज शोर, कनस्तर पीटेन जैसी आवाज का कारण टिनिटस नामक बीमारी हो सकती है। ये बीमारी अगर शुरुआत में ही कंट्रोल कर ली जाए तो बहरेपन से बचा जा सकता है, अन्यथा इस बीमारी के दो साइडफेक्ट होते हैं। पहला कान में अंदर ही अंदर तेज शोर होना और दूसरा सुनने की क्षमता कम होते जाना।
टिनिटस दो प्रकार का होता है
टिनिटस बीमारी दो तरह की होती है। एक में कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है और दूसरी में नसों से जुड़ी हो सकती है। इसमें नसों के सूखने से ब्लड सर्कलेशन प्रभावित होने लगता है। ऐसी स्थिति में कान के अंदर फुफकारने, सरसराहट आने, सीटी, किसी चीज को पीटने की आवाज आती है। ये सारी चीजें सोते और जगाते समय भी महसूस होता है। कान में आने वाली इस आवाज का स्तर कम या ज्यादा हो सकता है।
क्या है टिनिटस बीमारी
टिनिटस यानी कान बजना न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है। तनाव, नींद पूरी न होने, डिप्रेशन, साइनोसाइटिस की समस्या से ग्रस्त लोगों में यह बीमारी सबसे ज्यादा होती है। यही नहीं, तेज अवाज में गाने या फिल्म देखना, ईयरफोन, ब्लूटूथ लगाना, मोबाइल से जयादा बात करते हैं या तेज आवाज में हेडफोन सुनते हैं उनमें भी ये बीमारी हो सकती है। तेज आवाज कान के अंदरुनी भाग के क्षतिग्रस्त होने से ऑडिटरी सिस्टम द्वारा साउंड सिंग्नल का न्यूरल सर्किट संतुलन बिगड़ जाताहै और इससे भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है।
जानें टिनिटिनस का कारण
टिनिटस का उपचार
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)
Published on:
19 Mar 2022 06:29 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
