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गुर्दे की पथरी दोबारा होने के ये है कारण, ऐसे करें उपचार

ऑपरेशन के बाद डॉक्टरी सलाह से होम्योपैथी की दवाएं लेने से होता लाभ। गर्मियों मेें पानी की कमी है स्टोन stone की बड़ी वजह।

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लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू हो तो ऑपरेशन से बचा जा सकता है
स्टोन (पत्थरी) Kidney stone की समस्या का होम्योपैथी homeopathy में लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू हो तो ऑपरेशन से बचा जा सकता है। पत्थरी का ऑपरेशन होने के बाद डॉक्टरी सलाह पर नियमित होम्योपैथिक दवाएं ली जाएं तो तकलीफ को दोबारा होने से रोका जा सकता है। ऑपरेशन के बाद 50 फीसदी मामलों में दोबारा स्टोन बनने का खतरा रहता है। कैलकेरिया, रेनिलिस, कैलकेरिया कार्ब जैसी कई दवाएं हैं जो स्टोन बनने से रोकती है। इन दवाओं का प्रयोग डॉक्टरी सलाह पर ही करना चाहिए।
किडनी में स्टोन की वजह
गर्मियों में तापमान अधिक बढऩे से यूरिन कम बनता है और काफी पानी पसीने के रूप में निकल जाता है। चाय, कॉफी ज्यादा पीने से यूरिन गाढ़ा हो जाता है जो स्टोन का कारण बनता है। लंबे समय तक बैठकर कंप्यूटर पर काम करना भी वजह है। इसके अलावा यूरिन को देर तक रोक कर रखने से भी किडनी स्टोन बनने की आशंका 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे यूरिन इंफेक्शन का खतरा रहता है।