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केस स्टडी डॉक्टर्स ट्रीटमेंट: किडनी फेल के मरीज की हार्ट सर्जरी

किडनी फंक्शन टैस्ट में सीरम क्रिएटिनिन की मात्रा तीन पाई गई जो सामान्य से तीन गुना ज्यादा थी।

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Kidney

किडनियां फेल होने व अन्य समस्या थीं
आठ माह पहले 50 वर्षीय व्यक्ति मेरे पास आया। पूर्व में हुई जांचों को देखने पर पता चला कि उसकी दोनों किडनियां फेल होने के साथ उसे पेट में ट्यूमर व हृदय की तीनों धमनियां ब्लॉक होने की समस्या थीं। असल में सबसे पहले वह अत्यधिक पेटदर्द व सूजन की शिकायत के चलते जनरल सर्जन को दिखाने गया। जहां जांच में उसके पेट में ट्यूमर के अलावा दोनों किडनी फेल पाई गईं। किडनी फंक्शन टैस्ट में सीरम क्रिएटिनिन की मात्रा तीन पाई गई जो सामान्य से तीन गुना ज्यादा थी। इसके अलावा उसकी ईसीजी रिपोर्ट सही नहीं थी व हृदय रोगों की आशंका जताई जा रही थी। इस संबंध में ईको, कोरोनरी एंजियोग्राफी आदि टैस्ट करने पर पता चला कि उसके हृदय की तीनों कोरोनरी धमनियां ब्लॉक हो गई थीं। मरीज की हालत काफी खराब थी और इस दौरान सर्जन ने ट्यूमर निकालने से पहले मरीज को हृदय की बायपास सर्जरी और किडनी के इलाज की सलाह दी।
सीने में दर्द, पेटदर्द, सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत
मेरे पास जब वह मरीज आया तो उसे सीने में दर्द, पेटदर्द, सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां थीं। सभी रिपोर्ट देखने पर पता चला कि उसे क्रॉनिक रीनल फेल्योर था और ऐसे में यदि मरीज डायलिसिस पर रखा जाता तो उसके हृदय पर प्रेशर बढऩे से जान को खतरा भी बढ़ सकता था। इसलिए हमने हृदय की बायपास सर्जरी करने से दो घंटे पहले मरीज को कंटीन्युअस वीनो-वीनस हीमोडायलिसिस (सीवीवीएचडी) पर रखा। इस तकनीक में हृदय पर दबाव न पड़े इस बात को ध्यान में रखते हुए जरूरत के अनुसार ही अतिरिक्त तरल और अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने का प्रयास किया गया। बायपास सर्जरी के दौरान उसके डायलिसिस पर भी निरंतर नजर रखी गई और सर्जरी के चार दिन बाद तक किडनी के फिल्ट्रेशन का काम भी जारी रहा। हृदय के ठीक से काम करने के बाद जब किडनी की दोबारा जांच की गई तो इसकी कार्यक्षमता में भी सुधार मिला। 5 दिन बाद मरीज को डायलिसिस से हटाया गया और जनरल सर्जन के पास ट्यूमर के इलाज के लिए भेजा गया। उन्होंने मरीज के पेट से ट्यूमर निकाल दिया। फिलहाल मरीज स्वस्थ है।

डॉ. विक्रम गोयल, कार्डियो थोरेसिक एवं वेस्कुलर सर्जन