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थायराइड रोग को जड़ से खत्म करने के लिए ये 5 चीजें अपने खाने में करें शामिल

थायराइड एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के अंदर छिपी रहकर सामान्यतः लक्षणों के माध्यम से पहचाना जाता है। इसके कारण व्यक्ति में कमाजोरी, थकान, सांस फूलना, और वजन में बदलाव आ सकता है। यह रोग व्यक्ति को अनेक समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है।

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Say Goodbye to Thyroid Disease With These 5 Foods

Thyroid ayurvedic treatment in Hindi:थायराइड को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प हो सकता है। इसमें कुछ प्रमुख जड़ी-बूटियां शामिल हैं, जो आपके किचन में मौजूद हो सकती हैं और जो इस बीमारी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। यहाँ, हम आपको इस बीमारी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए पांच प्रमुख हर्ब्स के बारे में बताएंगे, जो आपके स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकते हैं।

थायराइड ऐसी बीमारी है जो शरीर को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है। कमाजोरी, थकान, सांस फूलना और वेट बढ़ना या कम होना इसके प्रमुख लक्षण है। इस बीमारी को कंट्रोल करने में आपके किचन में मौजूद पांच हर्ब्स बेहद करागर हैं।

थायराइड रोग (Thyroid) पुरुषाें से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलता है। थायराइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के सामने larynx के नीचे होती है। मेटाबॉलिक रेट को कंट्रोल करने के साथ ये हार्मोन पाचन, मांसपेशियों पर कंट्रोल, दिमाग के स्वास्थ्य और विकास को बनाए रखना, हड्डियों को मजबूती देना और यहां तक कि मूड तक को नियंत्रित करता है।

थायरॉक्डसिन हार्मोन शरीर में सभी हार्मोन के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) को आमतौर पर थायराइड हार्मोन के रूप में जाना जाता है। बता दें कि कैल्सीटोनिन कैल्शियम लेवल को कंट्रोल करने के लिए भ्री जरूरी हेाता है। ऐसे में अगर शरीर में थायराइड हार्मोनों का कम या ज्यादा निकलना शरीर को बीमार बना देता है।

थायराइड हार्मोन को कंट्रोल करते हैं ये पांच प्राकृतिक हर्ब्स
जलकुंभी या सेवार
जलकुंभी या सेवार थायराड में दवा की तरह से काम करते हैं। आसानी से मिलने वाली ये जलकुंभी आयोडिन से भरी होती है और इसके सेवन से हापोथॉयराइडिज्म के मरीजों को बहुत फायदा होता है।

सहजन के फल और पत्तियां
सहजन के फल या पत्तियां किसी भी रूप में आप अपनी डाइट में शामिल जरूर करें। ये पोषक तत्वों से भरी होती हैं और थायरॉक्सिन हार्मोन को बढ़ाने का काम करती हैं। शुगर के मरीज के लिए ये इंसुलिन बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। सेलेनियम से भीर इसकी पत्तियां और फली आयुर्वेदिक हर्ब्स का खजाना है।


अदरक का सेवन
किचन में मौजूद अदरक भी थायराइड की दवा की तरह काम करता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरा अदरक सूजन दूर करने के साथ ही हार्मोन्स को सही करता है और मूड बूस्टर भी होता है। अदरक को किसी भी रूप में सेवन रोज करने की आदत डाल लें।

धनिया का पानी
धनिया के पानी थायरॉइड ग्रंथि की समस्या को पीने के लिए किया जाता रहा है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रमुख उपचार है। धनिया में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो थायराइड को ठीक करने और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करने का काम करता है।

जीरे का पानी
जीरे में कई औषधीय गुण होते हैं। यह सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि थायराइड जैसे गंभीर समयसा के इलाज में भी सहायक है। थायराइड के मरीजों को आराम पाने के लिए जीरा चबाकर पानी पीना चाहिए।


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