
Thyroid Control Naturally with 5 Ayurvedic herbs
Thyroid Control Naturally : थायराइड रोग (Thyroid) पुरुषाें से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलता है। थायराइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के सामने गला (Larynx) के नीचे होती है। मेटाबॉलिक रेट को कंट्रोल करने के साथ ये हार्मोन पाचन, मांसपेशियों पर कंट्रोल, दिमाग के स्वास्थ्य और विकास को बनाए रखना, हड्डियों को मजबूती देना और यहां तक कि मूड तक को नियंत्रित करता है।
Thyroid Control Naturally : थायराइड विकार आमतौर पर हार्मोन के अधिक उत्पादन या कम उत्पादन के कारण होते हैं। इसका मानक इलाज हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए दवाओं के माध्यम से किया जाता है।
हालांकि, कई लोग यह जानने में रुचि रखते हैं कि क्या वैकल्पिक चिकित्सा, जैसे आयुर्वेद, थायराइड विकार को प्रबंधित करने में सहायक हो सकती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा को मानक उपचार के साथ उपयोग करके थायराइड विकारों को प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन इसे अकेले मुख्य इलाज के रूप में नहीं अपनाना चाहिए।
Thyroid Control Naturally: थायरॉक्डसिन हार्मोन शरीर में सभी हार्मोन के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) को आमतौर पर थायराइड हार्मोन के रूप में जाना जाता है। बता दें कि कैल्सीटोनिन कैल्शियम लेवल को कंट्रोल करने के लिए भ्री जरूरी हेाता है। ऐसे में अगर शरीर में थायराइड हार्मोनों का कम या ज्यादा निकलना शरीर को बीमार बना देता है।
जलकुंभी या सेवार थायराइड में दवा की तरह से काम करते हैं। आसानी से मिलने वाली ये जलकुंभी आयोडिन से भरी होती है और इसके सेवन से हापोथॉयराइडिज्म के मरीजों को बहुत फायदा हो सकता है।
सहजन के फल या पत्तियां किसी भी रूप में आप अपनी डाइट में शामिल जरूर करें। ये पोषक तत्वों से भरी होती हैं और थायरॉक्सिन हार्मोन को बढ़ाने का काम करती हैं। शुगर के मरीज के लिए ये इंसुलिन बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। सेलेनियम से भरी इसकी पत्तियां और फली आयुर्वेदिक हर्ब्स का खजाना है।
किचन में मौजूद अदरक भी थायराइड की दवा की तरह काम करता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरा अदरक सूजन दूर करने के साथ ही हार्मोन्स को सही करता है और मूड बूस्टर भी होता है। अदरक को किसी भी रूप में सेवन रोज करने की आदत डाल लें।
धनिया के पानी थायरॉइड ग्रंथि की समस्या वालों को पीने के लिए किया जाता रहा है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रमुख उपचार है। धनिया में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो थायराइड को ठीक करने और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
जीरे में कई औषधीय गुण होते हैं। यह सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि थायराइड जैसे गंभीर समयसा के इलाज में भी सहायक है। थायराइड के मरीजों को आराम पाने के लिए जीरा को चबाकर पानी पीना चाहिए।
आयुर्वेद में, अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्रमुख जड़ी-बूटी है जो तनाव को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह भारत और उत्तरी अफ्रीका में प्राकृतिक रूप से उगती है। कुछ छोटे अध्ययनों से पता चला है कि यह तनाव हार्मोन को कम करके हाइपोथायरायडिज्म के इलाज में सहायक हो सकती है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
एक डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित अध्ययन में, हल्के हाइपोथायरायडिज्म वाले 50 लोगों को 8 सप्ताह तक प्रतिदिन 600 मिलीग्राम अश्वगंधा की जड़ दी गई। अध्ययन के अंत में, अश्वगंधा लेने वाले प्रतिभागियों में थायराइड हार्मोन के स्तर में सुधार देखा गया।
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि सीमित डेटा के कारण और अध्ययन की आवश्यकता है।
Thyroid Control Naturally : आयुर्वेदिक चिकित्सा को मानक उपचार के साथ उपयोग करके थायराइड विकारों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह मानक उपचार का विकल्प नहीं है, क्योंकि इसके प्रभावशीलता को लेकर सीमित शोध उपलब्ध है। इसे पूरक चिकित्सा के रूप में उपयोग करना बेहतर होता है।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है, क्योंकि ये अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं। मानक उपचार को बंद न करें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार जारी रखें।
अस्वीकरण: यह सामग्री और इसमें दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी योग्य चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती। हमेशा अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें। patrika.com इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
Published on:
21 Jan 2025 11:07 am
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