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निभौरा तिहरे हत्याकांड में सभी 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

भैंसे बनी हत्या का कारण

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निभौरा तिहरे हत्याकांड में सभी 13 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

सोहागपुर. सोहागपुर ब्लॉक के ग्राम निभौरा में पांच साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड में एडीजे अतुल खंडेलवाल ने शनिवार को सभी 13 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। शेष दो आरोपियों का प्रकरण अभी बाल न्यायालय में विचाराधीन है, जबकि 16 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है। शासकीय अधिवक्ता शंकरलाल मालवीय ने बताया कि नौ व 10 जुलाई 2014 की रात करीब आठ बजे एक विवाद को लेकर आरोपियों राकेश पटेल, संतोष गूजर, नानकराम, सरवन, जगदीश, राधेश्याम, ऊदल, प्रदीप गूजर, जसवंत, रामरतन उर्फ पप्पू, परमसुख उर्फ चौैवा, रामगोपाल, केशव, रोहित गूजर, जानकी बाई उर्फ गुडिय़ा व जीजन बाई ने एक राय होकर हमला किया था। जिसमें गेंदालाल पुत्र हल्ली गूजर, राजू पुत्र गेंदालाल गूजर व महेश पुत्र गेंदालाल गूजर की मौत हो गई थी। इनमें से महेश पूर्व सरपंच था। मामले में मृतकों के परिजन अर्जुन पुत्र चंपालाल के कथनानुसार एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोपियों ने हत्याकांड को अंजाम दिया। तत्कालीन टीआई महेंद्र सिंह चौहान ने घटना के 48 घंटे में ही 16 में से 12 आरोपियों को पकड़ लिया था। मामले में पुलिस ने नामजद 16 आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा-मारपीट का दर्ज किया था।

भैंसें बनी हत्या की वजह!
पुलिस की विवेचना में फरियादी अर्जुन ने जानकारी दी थी कि छह जुलाई 2014 को वह तथा उसके पिता चंपालाल गुम भैंसों को खोजने सारंगपुर गांव गए थे। जहां उन्होंने ऊदल, चौआ तथा केशव को भैंसे ले जाते देखा था। अर्जुन व चंपालाल के पहुंचने पर तीनों भैंसों को छोड़कर भाग गए थे। जिसके बाद घटना दिनांक की रात बाईक निकालने को लेकर भी विवाद हुआ था।

यह हुई सजा
मामले में एक आरोपी रामगोपाल की मौत हो चुकी है तथा दो आरोपियों केशव व रोहित का प्रकरण बाल न्यायालय में विचाराधीन है। एडीजे खंडेलवाल ने प्रकरण में धारा 302 व 149 के तहत तिहरे हत्याकांड के चलते शेष 13 आरोपियों राकेश पटेल, संतोष गूजर, नानकराम, सरवन, जगदीश, राधेश्याम, ऊदल, प्रदीप गूजर, जसवंत, रामरतन उर्फ पप्पू, परमसुख उर्फ चौैवा, जानकी बाई उर्फ गुडिय़ा व जीजन बाई को आजीवन कारावास तथा एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को जेल भेजा गया है।