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7100 मेगावाट बिजली की थी मांग, जल, सौर और पवन ऊर्जा ने पूरी की 40 फीसदी जरूरत

प्रदेश में जल, सौर और पवन उर्जा पर जोर, प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति

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कालीदास चौरासे. सारनी. मप्र में इन दिनों 40 फीसदी बिजली की जरूरत जल, सौर और पवन उर्जा से पूरी की जा रही है। गुरुवार को सुबह 10 बजे प्रदेश में 7100 मेगावाट बिजली की मांग रही। इसमें से 4048 मेगावाट बिजली की जरूरत जल, सौर, पवन और ताप उर्जा से पूरी की गई। वहीं 3 हजार मेगावाट से अधिक जरूरत सेंटर सेक्टर से पूरी की गई। इसमें खासबात यह रही कि कुल डिमांड की 39.830 फीसदी (2828 मेगावाट) जरूरत जल, सौर और पवन उर्जा से पूरी की गई। ऐसा संभव इसलिए हो सका, क्योंकि प्रदेश में हो रही झमाझम बारिश से लगभग सभी जल विद्युत वाले जलाशय लबालब हो गए हैं। जिसके चलते बिजली उत्पादन में जल विद्युत गृह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गुरुवार को जल विद्युत गृह से लगभग 16 6 4 मेगावाट बिजली उत्पादन लिया गया। वहीं ताप विद्युत गृह की 16 में से 11 इकाइयां आरएसडी यानी की रिजर्व शट डाउन में बंद रखी गई है।इससे चार ताप विद्युत गृहों में कोल स्टॉक बढ़कर 9 लाख 48 हजार 700 मीट्रिक टन के आसपास पहुंच गया।
यह इकाइयां है बंद
डेढ़ माह से प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में बिजली की मांग घट रही है।सुबह के समय डिमांड जहां 7 हजार मेगावासट के आसपास रह रही है। वहीं शाम के वक्त 8 हजार मेगावाट के आसपास डिमांड पहुंच रही है। यह जरूरत पूरी करने में जल, सौर और पवन उर्जा काफी कारगार साबित हो रहे हैं।वहीं सेंट्रल सेक्टर से भी बिजली लेकर डिमांड पूरी करना है।ऐसे में प्रदेश के चार बिजली घरों की 16 में से 11 इकाइयां बंद रखनी पड़ रही है। हालांकि इन इकाइयों के बंद रहने के एवज में पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा फिक्स कास्ट के रूप में राशि प्रदान की जा रही है। बंद इकाइयों में सतपुड़ा की पांच, बिरसिंहपुर की तीन और श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट की तीन इकाइयां शामिल है।वहीं सतपुड़ा, बिरसिंहपुर और श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट की चालू चार इकाइयां बेकिंग डाउन पर चलाई जा रही है।सिर्फ अमरकंटक पॉवर प्लांट की इकाई पूरी क्षमता पर चल रही है। इस प्रकार 5400 मेगावाट क्षमता के जेनको से गुरुवार सुबह मात्र 1220 मेगावाट उत्पादन हुआ।
&बारिश से बिजली की मांग कम है। जल विद्युत इकाइयां चलने से ताप विद्युत गृह की इकाइयां आरएसडी में बंद है। सतपुड़ा पावर प्लांट की पांच इकाई रिजर्व शटडाउन में बंद है। 10 नंबर इकाई मात्र चल रही है। उस पर भी 90 मेगावाट का बैकिंग डाउन है। इकाइयां बंद रहने से बिजली घर में कोल स्टॉक बढ़कर 2 लाख 36 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।
अमित बंसोड़, पीआरओ, सतपुड़ा, सारनी
आज आएगी एमओडी
पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा अगस्त माह की एमओडी यानी की मैरिड आर्डर डिस्पैच शुक्रवार तक जारी की जाएगी। जिसमें सतपुड़ा पॉवर प्लांट से बिजली उत्पादन लागत में सुधार आने की पूरी संभावना है। जुलाई माह की एमओडी में नई इकाइयों से उत्पादन लागत प्रति यूनिट 2.28 पैसे था जो नई एमओडी में 1 पैसे प्रति यूनिट तक सुधार आने की पूरी उम्मीद है। वहीं पुरानी इकाइयों की उत्पादन लागत 2.74 पैसे प्रति यूनिट थी जो अगस्त माह की एमओडी में घटकर 2.6 8 पैरे पर आने की संभावना है। यानी की पुरानी इकाइयों से बिजली उत्पादन करना 6 पैसे प्रति यूनिट तक सस्ता होगा।