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पहचान का डर- 876 एड्स पीड़ित ने सरकारी सस्ता राशन से बनाई दूरियां

संभाग में हर साल बढ़ रही एड्स पीडि़तों की संख्या, थर्ड जेंडर और बच्चें भी इसकी चपेट में

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पहचान का डर- 876 एड्स पीड़ित ने सरकारी सस्ता राशन से बनाई दूरियां

पहचान का डर- 876 एड्स पीड़ित ने सरकारी सस्ता राशन से बनाई दूरियां

पूनम सोनी/ होशंगाबाद. आज विश्व एड्स दिवस है। हर साल एड्स पीडि़त मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल के आकड़ो के अनुसार संभाग में 896 मरीज पॉजिटिव निकले। सरकार के कई सारे जागरूकता कार्यक्रम के बाद भी आज भी कहीं न कही एड्स के मरीजों से छुआछूत का व्यवहार करते हैं। यही वजह है कि संभाग के 876 मरीज अपनी पहचान होने के डर से सरकारी योजना का लाभ तक नहीं ले पा रहे हैं। एड्स पीडि़तों को उपभोक्ता भंडार से सस्ता राशन देने का प्रावधान है लेकिन वे लेेने ही नहीं जाते। संभाग में 896 मरीजों में से महज 20 मरीज ही सस्ता राशन ले रहे हैं।

यह योजना का लाभ मिलता है इन्हें
एड्स पीडि़तों को अंत्योदय अन्न योजना का लाभ मिलता है। इसके मरीज भी इस योजना में आने वाली 24 श्रेणियों में शामिल हैं। खाद्य विभाग सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में 24 श्रेणियों में से एक श्रेणी के अंतर्गत एचआईवी पीडि़तों को राशन का लाभ दिया जाता है। लेकिन पहचान उजागर न हो इसके डर से वह योजना से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि वे एचआईवी योजना का लाभ न लेकर अन्य बीपीएल कार्डधारी होने पर उससे राशन प्राप्त करते हैं।

18 महिलाएं एड्स से पीडि़त
जिले में गर्भवती महिलाएं भी एड्स जैसी बीमारी की चपेट में आ रही है। पिछले पांच सालों में वर्ष 2014-15 तक महिला मरीजों की संख्या दो थी। जबकि वर्ष 2019 में अन्य 06 महिलाएं प्रभावित मिली। गई। डॉ. प्रकाश यादव ने बताया कि पांचा सालों में 16842 महिलाओं की काउसलिंग की जिसमें 16839 की जांच हुई। इसमें करीब 18 महिलाएं एचआईवी ेसे पीडि़त निकली।

18 बच्चों को नेब्रापिन सिरप से कर रहे सुरक्षित
होशंगाबाद जिले में 18 महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों को नेब्रापिन सिरप देकर सुरक्षित किया जा रहा है। यह सीरप जन्म से 82 घंटे के अंदर दी जाती है। 18 महीनों तक इसका फॉलोअप लिया जाता है। इस सिरप से एचआईवी प्रभावित होने से बच जाते हैं। उपरांत सभी बच्चे सुरक्षित पाए जाते हैं।

होशंगाबाद जिले में एचआइवी की संख्या
वर्ष - कुल मरीज- पीडि़त
2017-18- 5301- 24
2018-19- 5959- 38
अलग से मिले मरीज
फिमेल सेक्स वर्कर- 1
ट्रक चालक- 2
थर्ड जेंडर- 2
छोटे बच्चें- 22

बैतूल जिले में मरीज
वर्ष - पॉजिटिव
2017-18- 53
2018-19- 59

हरदा जिले में मरीज
वर्ष - कुल मरीज - पीडि़त
2017-18- 13096- 19
2018-19- 15207- 08लाभ नहीं लेते

इस योजना के अंतर्गत एक रुपए किलो अनाज की सुविधा है। लेकिन पहचान छुपाने के कारण लाभ नहीं लेते। इसके अलावा सीएमएचओं कार्यालय से भी इसकी जानकारी उजागर नही की जाती है।
के.के टेकाम, सहायक आपूर्ति अधिकारी, बैतूल

योजना जबरजस्ती नहीं दी जाती इसमें मरीज की सहमति होना जरूरी होता है। इसलिए कम ही लोग इसके लिए तैयार होते हैं।
प्रतीक यादव, मॉनिटरिंग व इवैल्यूएशन ऑफिसर, जिला एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण इकाई जिला हरदा