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एक्शन मोड में आपÓ मौत पर विरोध

प्रसूता की मौत को लेकर आप ने दिया धरना, एक माह पहले हुई थी महिला की डिलेवरी, इंफेक्शन से सुल्तानिया अस्पताल में मौत

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AAP workers protest death of a woman in piprya madhya pradesh

AAP workers protest death of a woman in piprya madhya pradesh

पिपरिया। सरकारी अस्पताल की अव्यवस्थाओं एवं प्रसूता की डिलेवरी के एक माह बाद हुई मौत पर आम आदमी पार्टी ने विरोध दर्ज कराया है। शनिवार को पार्टी ने पिपरिया के अस्पताल के सामने एक घंटे धरना प्रदर्शन किया। बाद में अतिरिक्त तहसीलदार और पुलिस थाने में ज्ञापन देकर जवाबदेह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखी।
आम आदमी पार्टी कार्यकता शनिवार दोपहर सरकारी अस्पताल रैली लेकर पहुंचे। जहां अस्पताल की अव्यवस्थाओं और लापरवाही से मरीजों की मौत होने को लेकर आक्रोश जताया। प्रदेश यूथ विंग सदस्य हर्षित शर्मा एवं राजेश मालवीय का कहना था कि पौसेरा निवासी वर्षा पति आशीष दीवान की घर में सामान्य डिलेवरी हुई उसके उपरांत ग्राम की आशा कार्यकर्ता के साथ जननी एक्सप्रेस से उसे पिपरिया सरकारी अस्पताल लाया गया। आशीष का आरोप है कि प्रसव के बाद आ रही परेशानी के चलते नर्सों ने उपचार दिया, इसमें लापरवाही बरती गई। जिससे इंफेक्शन फैलने से प्रसूता की मौत हो गई। आदमी पार्टी के साथ स्टेशन रोड थाने में संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज करने आशीष ने शिकायती आवेदन दिया है। आम आदमी पार्टी ने भी निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग प्रशासन से की है।

ड्यूटी पर नहीं मिलता स्टॉफ
आम आदमी पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सौ बिस्तर अस्पताल बन गया लेकिन यहां डॉक्टर पदस्थ नहीं है। आपात स्थिति में मरीज तड़पते रहते हैं नर्सिंग स्टॉफ भी समय पर नही मिलता प्रसूताओं को प्राथमिक रुप से देखकर जिला अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
६ दिसंबर १७ की घटना
पौसेरा निवासी वर्षा बाई पति आशीष दीवान की डिलवेरी हुई थी उसके बाद उसे पिपरिया अस्पताल आशा कार्यकर्ता लेकर आई थी यहां नर्सो ने उपचार दिया था। उसके बाद प्रसूता को दर्द की परेशानी होने पर स्थानीय निजी नर्सिंग होम में दिखाया गया फिर दोबारा सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे तो प्रसूता महिला को जिला अस्पताल रैफर किया गया था। जिला अस्पताल से महिला को सुल्तानिया भोपाल रैफर कर दिया गया वहां १५ जनवरी २०१८ को महिला की मौत हो गई।

इनका कहना है
डिलवेरी के बाद महिला को उपचार दिया गया था। एक माह बाद सुल्तानियां भोपाल में उसकी मृत्यु हुई है। इंफेक्शन होने पर प्रसूता को जिला अस्पताल रैफर किया गया था। प्रथम दृष्टया स्टॉफ की कोई गलती नही है।
एके अग्रवाल,बीएमओ